मोहाली, 14 जुलाई (निस)
पूर्व कांग्रेसी मंत्री संगत सिंह गिलजियां के भतीजे दलजीत सिंह को मंगलवार को विजिलेंस ब्यूरो ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरदीप कौर की अदालत में पेश किया। अदालत ने सरकारी व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आरोपी को 17 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। अदालत में बचाव पक्ष और सरकारी पक्ष की जमकर बहस हुई। इस दौरान जज को कहना पड़ा कि अगर आपस में ही झगड़ा करना था तो बाहर कर लेते जहां क्या करने आए हो। अदालत में आते ही बचाव पक्ष से एचएस धनोआ और धर्मेंद्र सिंह आरोपी की तरफ से पेश हुए। बचाव पक्ष के वकील ने सरकारी पक्ष से केस से जुड़े डायरी दस्तावेज की मांग की। इस पर सरकारी वकील और बचाव पक्ष में बहस हो गई कि बचाव पक्ष सीधे कोई दस्तावेज कैसे मांग सकता है।
बहस को रोकने के लिए जज को दोनों पक्षों को रोकना पड़ा। इस के बाद बचाव पक्ष ने कहा कि दलजीत को इस मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि वह पेशे से वकील है और अपने चाचा का केस देख रहा है। उसने विजिलेंस से केस से जुड़े दस्तावेज मांगें। इसको लेकर उसे गिरफ्तार कर लिया जबकि जिस एफआईआर के तहत दलजीत को गिरफ्तार किया गया उसमें उसका नाम ही नहीं है।
उधर, सरकारी पक्ष ने कहा कि दलजीत ठेकेदारों से सीधी बात करता था। पेमेंट कैसे करनी है कितनी करनी है, इसको लेकर निर्णय भी दलजीत की ओर से किया जाता है। व्हाट्सऐप चैट भी सामने मिली है जिससे साफ है कि आरोपी इस मामले में शामिल है। दलजीत सिंह को सोमवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 37 से गिरफ्तार किया गया था। दलजीत को विजिलेंस ब्यूरो की ओर से दर्ज की गई एफआईआर नंबर 7 के तहत पकड़ा गया है।
इस मामले में संगत सिंह गिलजियां आरोपी है। गिलजियां पर ट्री गार्ड घोटाले के अलावा खैर के पेड़ाें की कटाई के बदले रिश्वत लेने का आरोप है। गिलजियां फिलहाल फरार चल रहे है।