पंजाब के पूर्व डीजीपी मुस्तफा पर बेटे की हत्या का केस दर्ज
पंजाब के पूर्व डीजीपी (मानवाधिकार) मोहम्मद मुस्तफा पर उनके बेटे अकील अख्तर की मौत से जुड़े मामले में पंचकूला पुलिस ने केस दर्ज किया है। हत्या और आपराधिक साजिश के आरोपों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (1) और 61 के तहत पंचकूला के मनसा देवी पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में मुस्तफा की पत्नी एवं पंजाब की पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना, उनकी बेटी और पुत्रवधू के नाम भी हैं। इस संबंध में मलेरकोटला में अकील के पड़ोसी शमसुद्दीन ने पंचकूला पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी, जिसमें साजिश का आरोप लगाया गया है।
डीसीपी ने बताया कि मामले की निष्पक्ष और साक्ष्य-आधारित जांच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया गया है, जो एसीपी रैंक के अधिकारी की निगरानी में काम करेगा। यह टीम सभी पहलुओं की गहराई से
जांच करेगी।
गौरतलब है कि 16 अक्तूबर की देर रात अकील अख्तर की पंचकूला स्थित आवास में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिवार ने इसे दवाइयों की ओवरडोज से हुई मौत बताया था। हालांकि, बाद में 27 अगस्त का एक वीडियो सामने आया, जिसमें अकील ने कहा था कि उसके परिवार के लोग उसकी हत्या की साजिश रच रहे हैं।
पुलिस ने बयान में कहा कि जांच पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जाएगी ताकि कोई दोषी बच न सके और किसी निर्दोष को अनावश्यक परेशानी न हो। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और जांच प्रक्रिया पर विश्वास रखें।
‘जल्द सामने आएगी सच्चाई’
संगरूर (निस) : मोहम्मद मुस्तफा ने एक बयान जारी कर कहा कि किसी भी मामले में कोई लिखित शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज करना पुलिस का कर्तव्य है और पंचकूला पुलिस ने इसका पालन किया है। एफआईआर दर्ज होने का मतलब अपराध सिद्ध होना नहीं है। कुछ ही दिनों में सच्चाई लोगों के सामने आ जाएगी। उन्हाेंने कहा, जवान बेटे की मौत से हम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम गंदी राजनीति और तुच्छ सोच वालों की नापाक हरकतों से नहीं लड़ सकते। झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराने वालों को भी कानून का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।