चंडीगढ़, 6 अप्रैल (ट्रिन्यू)
मनी लांड्रिंग के आरोपों के तहत अवैध रेत खनन मामले में जांच का सामना कर रहे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह उर्फ हनी की न्यायिक हिरासत 20 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। अब वह 20 अप्रैल तक जेल में ही रहेगा। ईडी ने पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले 18 जनवरी को हनी और अन्य के खिलाफ 10 जगहों पर छापेमारी की थी। ईडी ने हनी के परिसर से करीब 7.9 करोड़ रुपये नकद और उसके एक सहयोगी संदीप कुमार के पास से दो करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। बाद में ईडी ने हनी को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया और अंत में उसे 3 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था। लगभग सात दिन तक ईडी ने हनी को रिमांड पर रखा था जिसके बाद उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया और वह अभी तक जेल में ही बंद है। ईडी ने गत दिवस भूपिंदर सिंह उर्फ हनी और उसके सहयोगी कुदरतदीप सिंह उर्फ लवी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की थी। धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश रुपिंदरजीत चहल की अदालत में चार्जशीट दायर करने के बाद बुधवार को पहली बार अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 20 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
जाखड़ की आपत्तिजनक टिप्पणी पर भड़के वेरका
पंजाब कांग्रेस में नया घमासान शुरू हो गया है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी के बारे में जातिसूचक शब्द बोलने पर पार्टी प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री राजकुमार वेरका ने उन्हें घेर लिया है। वेरका अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष भी रहे चुके हैं। एक चैनल को दिए गए साक्षात्कार में सुनील जाखड़ ने हाईकमान पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने पंजाब में बदलाव की जगह बदली की। हम बदलाव दे सकते थे लेकिन दिया नहीं। जाखड़ ने चरणजीत चन्नी पर जातिसूचक शब्दों के साथ कटाक्ष करते हुए कहा कि ईमानदार छवि उस दिन धुल गई थी जब रिश्तेदारों के घर से करोड़ों रुपये मिले थे। जाखड़ द्वारा चन्नी के खिलाफ कई तरह की टिप्पणियां भी की गई। इस पर भड़के राजकुमार वेरका ने कहा कि सुनील जाखड़ का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। पार्टी हाईकमान को चाहिए कि वह उन्हें तुरंत बर्खास्त करे। उन्होंने कहा कि जाखड़ के बयानों को अंबेडकर कौम कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो दलित समाज उनका विरोध करेगा।
अब 1930 पर दी जा सकेंगी साइबर शिकायतें
पंजाब में साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ रही संख्या को ध्यान में रखते हुए पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम सैल ने नागरिकों को साइबर माध्यमों के द्वारा की गई किसी भी वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ डायल करने की अपील की है। नेशनल हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ के इस नए संक्षिप्त संस्करण ने मौजूदा हेल्पलाइन नंबर ‘155260’ की जगह ले ली है, जिसको शुरूआती रूप से गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा प्रोजेक्ट सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार नागरिकों के वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए शुरू किया गया था। डीजीपी वीके भावरा ने बताया कि पहले यह सुविधा सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक एक ही हॉटलाइन पर उपलब्ध होती थी लेकिन अब यह सुविधा अब दो हॉट लाइन 24 घंटे काम कर रही हैं।