राजपुरा, 6 मई (निस)
लोक साहित्य संगम (रजि.) राजपुरा की साहित्यिक बैठक रोटरी भवन में डॉ. गुरविंदर अमन की अध्यक्षता में हुई। जिसमें लोक कवि करम सिंह हकीर के गीत ‘प्रदेशां दे जायो मेरे वीर’ सुनाकर बैठक की शुरुआत की गई और पंजाब की त्रासदी पर प्रकाश डाला गया. रणजीत सिंह फतेहगढ़ साहिब ने ‘जे रब्बा’ गाकर ईश्वर से प्रार्थना की। इंद्रजीत सिंह लांबा ने मिट्टी का घड़ा बनाकर मधुर आवाज में सुनाया। सुरिंदर सिंह सोहना राजेमजरिया ने ‘मे रुजगर मंगदा’ गाकर अच्छी छाप छोड़ी। करम सिंह तिवाणा ने ‘हर जगह समृद्धि, हर जगह हरियाली’ को समय की मांग बताया। हरपाल सिंह ने मैदान में खड़े दो लड़कों को यह कहकर साहिबजादों की शहादत का मजाक उड़ाया। पंजाबी यूनिवर्सिटी के छात्र हरसुबेग सिंह ने ‘भुल्ले भटके के राह दिखाया जुगनू’, छात्रा जैस्मीन कौर ने ‘गम ऐ दिल सुनाने को दिल चाहता है’ सुनाया, अभय रावत ने ‘बुलंद आवाज’ की मालिक सुरिंदर कौर बारा सूफिया कलाम सुनाया।