पंजाब का औद्योगिक शहर लुधियाना कल रात से हो रही मूसलाधार बारिश से बेहाल है। सोमवार सुबह 5:30 बजे से लगातार तीन घंटे की बरसात ने शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। गलियों और सड़कों पर पानी लबालब भर गया। बच्चों के स्कूल बंद रहे, लेकिन कॉलेज जाने वाले छात्र घुटनों तक पानी में फंसे दिखाई दिए।
सबसे ज्यादा मार निचले इलाकों पर पड़ी। बुड्ढा नाले के पास न्यू दीप नगर, न्यू उपकार नगर, न्यू कुंदन पुरी और सुंदर नगर की सड़कों पर 2-3 फीट पानी जमा हो गया। कई घरों के लोग ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट कर दिए गए। नगर निगम की टीमें नाले को मजबूत बनाने में जुटी हैं ताकि उसमें दरार न पड़े। एसई राहुल गगनेजा की अगुवाई में बचाव कार्य चल रहा है। दो मोरिया पुल के पास रेलवे लाइन किनारे दीवार गिरने से खड़ी कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। गिल रोड, जवाहर नगर, न्यू मॉडल टाउन और ओल्ड जीटी रोड में भी जलभराव की वही स्थिति है।
सतलुज किनारे बसे गांवों में भी डर का माहौल है। बूथगढ़ के सरपंच सोनू ने कहा कि पानी अब खेतों से कुछ ही मीटर दूर है। गांववाले रातभर जागते रहे। हालांकि डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन का दावा है कि हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन लोग अब भी आश्वस्त नहीं हो पा रहे। इसी बीच, सतलुज के तेज बहाव ने भट्टियां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को प्रभावित किया, जिससे प्रशासन ने बहादुर के रोड, ताजपुर रोड, मोती नगर और औद्योगिक क्षेत्रों के सभी रंगाई संयंत्र अस्थायी तौर पर बंद कर दिए। सीवर लाइनों पर दबाव बढ़ने से ओवरफ्लो का खतरा है।