बरसात की वजह से पांच लोगों ने गंवाई जान
पंजाब में एक महीने से जारी बाढ़ की तबाही ने अब तक 29 लोगों की जान ले ली है और 2.56 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार ने इसे दशकों की सबसे गंभीर आपदा बताया है। आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, यह संकट 1 अगस्त से शुरू हुआ और अब तक 12 जिलों के 1,044 गांव प्रभावित हो चुके हैं। बरसात के चलते रविवार और सोमवार को 5 लोगों ने अपनी जान गंवाई । सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कैचमेंट क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण उफनते नाले बाढ़ का बड़ा कारण बने। सबसे अधिक 6 मौतें पठानकोट में दर्ज हुईं, जबकि अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, मानसा और रूपनगर में 3-3 मौतें हुईं। बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर से 1-1 मौत की पुष्टि हुई है। तीन लोग अभी भी पठानकोट में लापता हैं। अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। गुरदासपुर (5,549), फिरोजपुर (3,321), फाजिल्का (2,049), अमृतसर (1,700) और पठानकोट (1,139) सबसे अधिक प्रभावित जिले रहे। अमृतसर में सर्वाधिक 35,000 लोग प्रभावित हुए, इसके बाद फिरोजपुर (24,015) और फाजिल्का (21,562) का स्थान है। राज्य भर में 96,061 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है। पशुधन और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
करंट से तीन किशारों की मौत
लुधियाना (निस) : लगातार बारिश ने लुधियाना में तीन किशोरों की जिंदगी छीन ली। संगोवाल गांव में 19 वर्षीय तेजवंत सिंह और उनके भाई मनजोत सिंह की बिजली के करंट से मौत हो गई। तेजवंत को बचाने पहुंचे मनजोत भी करंट की चपेट में आ गए और दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, टिब्बा रोड स्थित न्यू पुनीत नगर कॉलोनी में 10 वर्षीय विकास झा की घर की छत गिरने से मलबे में दबकर मौत हो गई। इन घटनाओं से क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है।
छत गिरने से चाचा-भतीजा आए चपेट में
संगरूर (निस) : लगातार हो रही भारी बारिश ने पंजाब में कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। मानसा जिले के गांव चैनेवाला में देर रात एक कच्चे मकान की छत गिरने से 35 वर्षीय बलजीत सिंह और उनके 10 वर्षीय भतीजे गुरजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के वक्त कमरे में सो रही तीन वर्षीय बच्ची चमत्कारिक रूप से बच गई। परिजनों ने बताया कि चाचा-भतीजा टीवी देखने के बाद कमरे में सोए थे। अचानक रात में छत भरभराकर गिर पड़ी और दोनों मलबे में दब गए। घटना की सूचना मिलते ही सरदूलगढ़ के विधायक गुरप्रीत सिंह बनवाला गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि बरसात के मौसम में जर्जर मकानों में रहने के बजाय अस्थायी तौर पर गुरुद्वारा या धर्मशाला का सहारा लें। तहसीलदार सरदूलगढ़ ने बताया कि घटना की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी।