पैतृक गांव में हुई फौजा सिंह की अंतिम अरदास
दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक रहे फौजा सिंह की बुधवार को उनके पैतृक गांव ब्यास में अंतिम अरदास की गयी। अरदास सभा में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्ग, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत कई प्रमुख नेता पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। गौर हो कि फौजा सिंह का अंतिम संस्कार 20 जुलाई को उनके पैतृक गांव ब्यास में किया गया था।
अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि आखिरी समय तक वह पूरी तरह फिट थे और चल-फिर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जब वह लंदन की सड़कों पर दौड़ते थे, तो विदेशी भी उनकी तारीफ करने लगते थे। फौजा सिंह ने सिख पहचान से कभी समझौता नहीं किया। जब उन्हें पगड़ी पहनकर दौड़ने से मना किया गया, तो फौजा सिंह ने दौड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने पगड़ी पहनकर दौड़ लगाई और सिख पहचान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया।’