सरहद पर तैनात बीएसएफ जवानों की निगरानी में सीमाई इलाके में किसान उगाते हैं फसल
देवेंद्र पाल/ निस
अबोहर, 16 मई
भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित फाजिल्का जिले में ‘जय जवान जय किसान’ का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। यहां पर एक ओर जहां सीमा सुरक्षा बल के बहादुर जवान सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से चौकस रहते हैं, वहीं जिले के किसान शून्य रेखा तक फसल उगाकर देश की खाद्य सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इन सीमावर्ती गांवों के निवासियों की गहरी देशभक्ति बीएसएफ पर उनके अटूट विश्वास से स्पष्ट होती है। गांव वाले बीएसएफ के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं, कि जब बीएसएफ सीमा पर है, तो डरने की कोई बात नहीं है। यह पारस्परिक विश्वास बीएसएफ द्वारा दिए गए इस अटूट आश्वासन से उपजा है कि पश्चिमी सीमा पार से कोई भी खतरा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ नहीं कर सकता। ग्रामीणों का दृढ़ विश्वास है कि बीएसएफ की उपस्थिति उनकी सुरक्षा की गारंटी है। पाकिस्तान सीमा पर हाल ही में उत्पन्न तनाव के बाद स्थिति अब सामान्य हो गई है। जिससे किसानों ने अपनी कृषि संबंधी गतिविधियां पुन: शुरू कर दी हैं। पुरुष खरीफ सीजन और धान की रोपाई के लिए खेतों की तैयारी में व्यस्त हैं, जबकि महिलाएं घरेलू कामों और पशुओं की देखभाल में लगी हुई हैं। गांव पक्का चिश्ती के वासन सिंह का कहना है कि गांव के लोग नियमित रूप से बीएसएफ कर्मियों के संपर्क में रहते हैं, जो हर संभव उनकी सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। गांव के लखविंदर सिंह ने स्थानीय लोगों के प्रति बीएसएफ के सहयोगात्मक व्यवहार की सराहना की। गांव बेरीवाला के नामदेव और गुरमीत सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि बीएसएफ न केवल सीमा की सुरक्षा करती है, बल्कि मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पक्का चिश्ती के इंकलाब गिल का कहना है कि ये युवाओं को सशस्त्र बलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं। वहीं गंजुआना गांव के कृष्ण कुमार का कहना है कि किसान निडर होकर अगली फसल के लिए अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं। इधर जिला उपायुक्त अमरप्रीत कौर संधू ने बीएसएफ और सीमावर्ती गांवों के निवासियों के बीच अनुकरणीय सहयोग की प्रशंसा की।