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Faridkot News: 'वॉर ऑन ड्रग्स' के तहत पुलिस की दबिश, हॉटस्पॉट इलाकों में छापामारी

पंजाब में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान 'वॉर ऑन ड्रग्स' के तहत फरीदकोट पुलिस ने ड्रग तस्करों पर कड़ा प्रहार किया। सीनियर पुलिस अधिकारियों की सीधी निगरानी में सोमवार सुबह जिले में ड्रग तस्करों और ड्रग हॉटस्पॉट इलाकों...

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पंजाब में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान 'वॉर ऑन ड्रग्स' के तहत फरीदकोट पुलिस ने ड्रग तस्करों पर कड़ा प्रहार किया। सीनियर पुलिस अधिकारियों की सीधी निगरानी में सोमवार सुबह जिले में ड्रग तस्करों और ड्रग हॉटस्पॉट इलाकों के संदिग्ध ठिकानों पर लगभग 150 पुलिसकर्मियों ने एक बड़ा 'कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन' चलाया।

जिला पुलिस प्रमुख डॉ. प्रज्ञा जैन ने बताया कि डीजीपी गौरव यादव के निर्देश पर यह ऑपरेशन जिले के तीनों सब-डिवीजन में सुबह 6 बजे से 8:30 बजे तक एक साथ चलाया गया। उन्होंने बताया कि एसपी (लोकल) मनविंदरबीर सिंह और डीएसपी रैंक के अधिकारियों समेत गजेटेड अधिकारियों की देखरेख में, अलग-अलग पुलिस टीमों ने सेंसिटिव इलाकों में डिटेल में सर्च किया, जिसका मुख्य मकसद 'पॉइंट ऑफ़ सेल' लेवल पर ड्रग्स की सप्लाई को रोकना था।

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जिला पुलिस प्रमुख डॉ. प्रज्ञा जैन ने पुलिस की कड़ी मेहनत का नतीजा बताते हुए कहा कि नवंबर महीने में 'ड्रग्स के खिलाफ जंग' कैंपेन के तहत 106 केस दर्ज किए गए। 158 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 2.8 kg से ज़्यादा हेरोइन बरामद की गई। 1 kg अफीम और 6 kg पोस्ता भी बरामद किया गया। इसके अलावा 1193 हज़ार (लाख) नशीली गोलियाँ/कैप्सूल व 5 लाख 98 हज़ार ड्रग मनी भी बरामद की गई।

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ऑपरेशन के दौरान चीफ़ ऑफ़िसर पुलिस स्टेशन की 8 स्पेशल टीमें बनाई गईं। पुलिस ने इलाके में नाकाबंदी की और आने-जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया और संदिग्ध लोगों और गाड़ियों की चेकिंग की। इस दौरान, सबसे पहले एनडीपीएस के तहत केस दर्ज किए गए और क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले लोगों के ठिकानों पर स्पेशल रेड की गई। संदिग्ध लोगों को भी पकड़ा गया।

जिला पुलिस प्रमुख ने साफ़ किया कि अधिकारियों को एनटीपीसी एक्ट के तहत दर्ज सभी केसों के आगे-पीछे के लिंक की अच्छी तरह से जांच करने और ड्रग तस्करी में शामिल हर व्यक्ति के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि पिछले 15 महीनों के दौरान, ड्रग तस्करों द्वारा ड्रग्स से कमाए गए पैसे से बनाई गई 9 करोड़ से ज़्यादा की चल/अचल प्रॉपर्टी को भी संबंधित अथॉरिटी से मंज़ूरी लेकर फ़्रीज़ कर दिया गया है। इसके साथ ही, ड्रग पीड़ितों को नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती कराकर उनका इलाज भी किया जा रहा है।

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