बिजली कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के ठेका कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पंजाब भर के ठेका कर्मचारियों ने सुबह 11 बजे से धरने शुरू किए । यूनियन नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार और बिजली विभाग तेजी से निजीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। पावरकॉम की इमारतों और संपत्तियों को बेचने, ठेका कंपनियों को बढ़ावा देने और चिप आधारित स्मार्ट मीटर लगाने की नीति के ज़रिए विभाग को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार के विद्युत संशोधन विधेयक 2025 को पूरी तरह से रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यह विधेयक बिजली क्षेत्र को कॉर्पोरेट घरानों के हवाले करने की साज़िश है। यूनियन का आरोप है कि विभाग सुरक्षा उपायों की भारी कमी से जूझ रहा है। सुरक्षा किटों की कमी और खराब प्रबंधन के कारण, 400 से ज़्यादा ठेका कर्मचारियों की बिजली का करंट लगने से मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं। फिर भी सरकार और प्रबंधन ने किसी भी परिवार के सदस्य को नौकरी, पेंशन या पर्याप्त मुआवज़ा नहीं दिया है।
यूनियन ने श्रम अधिनियम 1948 और 15वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम वेतन लागू करने और विभाग में सभी आउटसोर्स ठेका कर्मचारियों को सीधे भर्ती करने की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनावों के दौरान ठेका प्रथा समाप्त करने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार ठेका नीति का विस्तार कर रही है। कर्मचारियों की मांगाेें में पावर काम और ट्रांसको का निजीकरण पूरी तरह से रद्द करना, सभी ठेका और आउटसोर्स कर्मचारियों को सीधे विभाग में शामिल करना व विद्युत दुर्घटनाओं में मारे गए कर्मचारियों के परिवारों को स्थायी रोजगार और पेंशन देना शामिल है।
