विजिलेंस के पास पहुंचने से पहले ही रिपोर्ट से आठ पन्ने गायब
संगरूर, 15 मई (निस)
पंजाबी यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी विंग में कर्मचारियों की फर्जी भर्ती कर वेतन व अन्य सुविधाओं के नाम पर किए गए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच रिपोर्ट पंजाब विजिलेंस के पास पहुंचने से पहले ही गायब हो गई है। उपकुलपति कार्यालय को सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई इस रिपोर्ट के पहले आठ महत्वपूर्ण पृष्ठ गायब हैं। पिछले वर्ष विश्वविद्यालय की सुरक्षा शाखा में फर्जी भर्ती और फर्जी उपस्थिति दर्ज कराने का मामला प्रकाश में आया था। शिकायत मिलने पर विश्वविद्यालय ने जांच के लिए एक समिति गठित की। समिति ने जांच कर जुलाई 2024 में कुलपति कार्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट में जांच के नतीजों के पहले 14 पृष्ठ और शिकायत व विभिन्न तथ्यों के 120 से अधिक पृष्ठ शामिल थे।
तत्कालीन कार्यवाहक उपकुलपति एवं प्रमुख सचिव केके यादव ने जांच रिपोर्ट का लिफाफा यह कहते हुए एक तरफ रख दिया कि इसे स्थायी कुलपति खोलेंगे। बाद में जब गुरु नानक देवी यूनिवर्सिटी के वीसी करमजीत सिंह ने पंजाबी यूनिवर्सिटी के वीसी का अतिरिक्त कार्यभार संभाला तो उन्होंने यह रिपोर्ट विजिलेंस को भेजने के लिए यूनिवर्सिटी की संबंधित शाखा को भेज दी। संबंधित शाखा ने जब लिफाफा खोला तो उसके महत्वपूर्ण पहले आठ पन्ने गायब पाए गए। संबंधित शाखा ने जांच समिति को बताया कि रिपोर्ट पृष्ठ संख्या 9 से शुरू होती है, पहले आठ पृष्ठ संलग्न नहीं हैं। जब जांच समिति ने देखा तो रिपोर्ट के लिफाफे पर लिखी लिखावट भी बदली हुई पाई गई।
पंजाबी यूनिवर्सिटी को मिली शिकायत के अनुसार, सुरक्षा शाखा करीब 10 वर्षों से फर्जी हाजिरी के जरिए 19 करोड़ रुपये से अधिक का गबन करने में संलिप्त है। वेतन के साथ-साथ पीएफ और ईएस के करोड़ों रुपए फर्जी कर्मचारियों के खातों में जमा किए गए हैं। इसलिए, यह सिर्फ रिपोर्ट के आठ पन्नों के गायब होने का मामला नहीं है, बल्कि करोड़ों रुपये के घोटाले के सबूत नष्ट हो गए हैं। इससे पहले भी विश्वविद्यालय में एक वरिष्ठ सहायक द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया था। इस मामले में कुछ कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी हुई, लेकिन करोड़ों की रकम अभी तक बरामद नहीं हो सकी है।
पुलिस में शिकायत भी कराई जाएगी दर्ज
इस मामले को लेकर पंजाबी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर करमजीत सिंह का कहना है कि इसकी जांच कराई जाएगी। सरकारी रिकार्ड से छेड़छाड़ या फाइलें चोरी होने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के सवाल पर कुलपति ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जाएगी। फर्जी भर्ती को लेकर 2023 में कार्यालय का रिकॉर्ड गायब होने के बारे में पूछे जाने पर डॉ. कर्मजीत सिंह ने कहा कि यह पुराना मामला है और उनके आने से पहले का होगा। इसलिए इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।