नयी दिल्ली, 11 अक्तूबर (एजेंसी)
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कड़वाहट की लंबे समय से चली आ रही खबरों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने रविवार को कहा कि दोनों नेताओं के बीच दूरियां कम हुईं हैं और साथ काम करने को लेकर दोनों तरफ से सकारात्मक संकेत भी मिले हैं।
रावत ने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि सिद्धू को पंजाब में कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व के साथ खड़ा करना चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन बतौर प्रभारी वह इसका प्रयास करेंगे तथा उनकी कोशिश है कि जल्द ही पूर्व क्रिकेटर की राहुल गांधी से मुलाकात हो जाये। साथ ही, उन्होंने कहा कि सिद्धू यह समझते हैं कि कांग्रेस से बेहतर मंच उन्हें नहीं मिल सकता। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के कामकाज से असंतुष्ट होने और दूसरा अध्यक्ष चुनने की जाखड़ की चुनौती संबंधी खबरों पर रावत ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के काम से असंतुष्टि नहीं जताई और यह गैर-जरूरी विवाद खड़ा किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह उम्मीद भी जताई कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो की नाराजगी का मुद्दा जल्द सुलझा लिया जाएगा क्योंकि राहुल गांधी के हालिया पंजाब दौरे के समय बाजवा ने उनसे मुलाकात कर अपनी बात उनके समक्ष रखी। रावत ने कहा, ‘सिद्धू को केंद्रीय नेतृत्व से कोई नाराजगी नहीं है। राहुल और प्रियंका के प्रति उनकी पूरी प्रतिबद्धता है। मगर उनको पंजाब में वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व के साथ खड़ा करना चुनौतीपूर्ण काम है। मेरा प्रयास है कि वह खड़े हों।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘सभी नेता राज्य में एक उद्देश्य के लिए काम करें और उसमें सिद्धू भी साथ खड़े हों। फिलहाल हमारा उद्देश्य किसानों के खिलाफ आए काले कानूनों के विरुद्ध लड़ना है