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धरना 28 को, संयुक्त किसान मोर्चा ने की आपात बैठक

कहा-भाजपा सरकार का झुकाव कॉरपोरेट की ओर, किसानी तबाही की कगार पर

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संयुक्त किसान मोर्चा की विभिन्न किसान जत्थेबंदियों की बैठक में उपस्थित नेता।-निस
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समराला, 24 मार्च (निस)

मांगों को लेकर देशभर में जिला मुख्यालयों पर 28 मार्च को दिए जाने वाले धरने की तैयारी के संबंध में आज यहां संयुक्त किसान मोर्चा के विभिन्न घटकों की एक आपात बैठक बीकेयू (लक्खोवाल) के जिला प्रधान मंजीत सिंह ढींडसा की अध्यक्षता में हुई। मंजीत सिंह ढींडसा ने इस संवाददाता को बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों की मांगों पर ध्यान देने की बजाय उन पर जुल्म ढाए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी मांगों के लिए लोकतांत्रिक ढंग से धरना-प्रदर्शन करने की भी अनुमति नहीं दी जाती। जहां भी किसान धरना देते हैं, सरकार उन पर ज़ुल्म करती है और लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ देती है। इसके परिणामस्वरूप कई किसानों ने शहादत दी है और कई घायल होकर अपंग हो चुके हैं। किसान नेता ने कहा कि भाजपा सरकार का झुकाव कॉरपोरेट सेक्टर को बढ़ावा देने की ओर कुछ ज़्यादा ही हो गया है, जिससे खेती-किसानी तबाही के कगार पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि खेती को बचाने के लिए 28 मार्च को देशभर में होने वाले धरनों के सिलसिले में हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि डिप्टी कमिश्नर लुधियाना के कार्यालय के समक्ष विशाल धरना दिया जाएगा और सरकार को मांग पत्र सौंपा जाएगा। स्थानीय दाना मंडी में हुई बैठक में मुख्य रूप से बी.के.यू. (लक्खोवाल) के संरक्षक अवतार सिंह मेहलों, परविंदर सिंह पाल माजरा (राज्य महासचिव), बी.के.यू. (राजेवाल) के राज्य सह-प्रधान सुखविंदर सिंह भट्टीयाँ, हरदीप सिंह ग्यासपुरा और मोहन सिंह बलियों (बी.के.यू. कादियां) विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसके अलावा बड़ी संख्या में किसान नेता बैठक में शामिल हुए।

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