एस्मा के बावजूद बिजली कर्मचारी हड़ताल पर
बिजली कर्मचारियों की तीन दिवसीय सामूहिक हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य भर में बिजली विभाग का कामकाज प्रभावित रहा। इसे देखते हुए पीएसपीसीएल ने एस्मा कानून लागू कर दिया है। इसके तहत हड़ताल में शामिल होने वाले अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
पीएसपीसीएल द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि सामूहिक अवकाश पर जाने, हड़ताल या रैलियों में भाग लेने वाले कर्मचारियों को ड्यूटी से अनुपस्थित माना जाएगा और उस अवधि का वेतन नहीं दिया जाएगा। कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में सेवा-भंग की प्रविष्टि भी की जाएगी। हड़ताल वाले दिन यदि वह दो घंटे भी अनुपस्थित रहता है, तो उसे उस दिन का वेतन नहीं मिलेगा। सामूहिक अवकाश पर जाने वाले कर्मचारी को पिछली सेवा से वंचित कर दिया जाएगा और उसकी पदोन्नति रोक दी जाएगी। रैली निकालने या कार्यालय का घेराव करने वाले कर्मचारी को छह महीने तक की कैद या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा, निगम में कार्यरत सभी कर्मचारियों पर एस्मा 1947 लागू है। इसके तहत तीन साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जा सकता है। पीएसपीसीएल ने निर्देश दिया है कि कोई भी कार्यालय बंद नहीं होना चाहिए और कैश काउंटर खुले रहने चाहिए।
दूसरी ओर, बिजली विभाग के कर्मचारियों के प्रमुख संगठनों ने विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के प्रांतीय नेता गुरवेल सिंह बलपुरिया, मनजीत सिंह चहल, पूरन सिंह खाई, हरबंस सिंह दीदारगढ़ और बलजीत सिंह बराड़ ने बताया कि वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ के साथ यूनियन की बैठक रविवार देर रात तक जारी रही, लेकिन कोई नतीजा न निकलने पर कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखी। उन्होंने कहा कि वे 15 अगस्त को जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।