करोड़ों का बजट फिर भी बारिश के पानी की निकासी नहीं
अशोक प्रेमी/निस
राजपुरा, 22 जून
राजपुरा में सबसे बड़ी समस्या बारिश के मौसम में पानी की निकासी न होना है। विधानसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे को पिछले 15 वर्षों से उठाया जा रहा है, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल ने इस समस्या का हल नहीं किया। जनता एवं दुकानदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि नगर कौंसिल को ए क्लास श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि पंजाब के बड़े शहरों में इसकी गणना होती है। नगर कौंसिल का सालाना बजट 60 करोड़ रुपये से भी बहुत ज्यादा है। इसी बजट के तहत विकास के कार्य किए जाते हैं, लेकिन इतना बजट होने के बाद भी आज लोगों को बरसाती पानी की निकासी न होने से परेशानियों से जुझना पड़ रहा है। जिसका मुख्य कारण शहर में करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई रोड गलियां हैं, जो सफाई न होने से बंद हो चुकी हैं। इसके अलावा पटियाला रोड पर पानी की निकासी के लिए बनाया गया नाला, जो गंदगी व घास फूस से पिछले कई दशकों से बंद पड़ा है, इसकी सफाई न होने से पानी ओवर फ्लो होकर बाजारों की सड़कों पर बहता रहता है। इलाके के लोगों की लगातार शिकायत होने के बाद नगर कौंसिल हर वर्ष बरसातों के मौसम में थोड़ी बहुत सफाई व्यवस्था करवाती है। यहां नाले को बंद करके अंडर ग्राउंड पाइप लाइन बिछाने का प्रपोजल भी करीब 15 वर्ष पहले अकाली-भाजपा सरकार के दौरान पास किया गया था।
क्या कहते हैं नगर कौंसिल प्रधान
नगर कौंसिल प्रधान नरेन्द्र शास्त्री का कहना है कि अंडर ग्राउंड पाइप लाइन के लिए तीन से चार करोड़ रुपये का खर्चा होगा। इसके लिए हाउस की मीटिंग बुलाई जाएगी इसके अलावा हाउस में मत पास कर जल्द ही रोड गलियों व नाले की सफाई करवाकर फिलहाल पानी की निकासी को सुनिशचित किया जा रहा है ताकि लोगों को बारिश के दिनों में आने वाली परेशानियों से बचाया जा सके।
क्या कहते हैं दुकानदार
शांति मार्केट के प्रधान राकेश लवली का कहना है कि बाजारों में बारिश के पानी की निकासी न होने से दुकानदार परेशान हैं, क्योंकि मंदी के दौर में वह एक तो वैसे ही परेशान हैं वहीं बारिश के पानी की निकासी न होने से ग्राहक बाजारों में कम आते हैं, जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ता है। अाजाद मार्केट के प्रधान विजय तनेजा का कहना है कि बारिश के दिनों में सड़कों पर पानी जमा हो जाने से सीवरेज ब्लॉक हो जाते हैं। जौली ग्राफिक्स के नरेश जौली का कहना है कि नगर कौंसिल आम लोगों से भारी भरकम टैक्स वसूल करती है, लेकिन लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए वह पीछे हट जाती है। दुकानदार नरेश पपनेजा का कहना है कि नगर कौंसिल का यह फर्ज बनता है कि लोगों को आ रही समस्याओं का समाधान करवाये लेकिन कौंसिल की लापरवाही से राजपुरा के कई बाजार झील में तब्दील हो जाते हैं।