संगरूर में डेंगू-चिकनगुनिया का कहर, हर मोहल्ले में मरीज, प्रशासन बेखबर
संगरूर में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप अब गंभीर रूप ले चुका है। शहर के मोहल्लों से लेकर मलिन बस्तियों तक हर घर में बुखार और जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोग मिल रहे हैं। सरकारी सिविल अस्पताल से लेकर...
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संगरूर में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप अब गंभीर रूप ले चुका है। शहर के मोहल्लों से लेकर मलिन बस्तियों तक हर घर में बुखार और जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोग मिल रहे हैं। सरकारी सिविल अस्पताल से लेकर निजी क्लीनिकों तक मरीजों की भीड़ इतनी बढ़ गई है कि कई जगह बेड की भी कमी हो गई है। बावजूद इसके, नगर परिषद और स्वास्थ्य विभाग अब तक ठोस कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
सिविल अस्पताल, संगरूर के अनुसार, अक्तूबर में 24 चिकनगुनिया और 29 डेंगू मरीज दर्ज किए गए हैं, जबकि सितंबर में कुल पांच मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक संख्या इससे कई गुना अधिक है, क्योंकि अधिकांश मरीज निजी डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं।
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स्थानीय पार्षद अवतार सिंह तारा, हरपाल सिंह सोनू, जगदीश गर्ग, अश्विनी जिंदल और सतिंदर सैनी ने प्रशासन की लापरवाही पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि नगर परिषद केवल बैठकों और रिपोर्टों तक सीमित है।
उन्होंने बताया कि फॉगिंग की गाड़ियां महीनों से खराब हैं, कई वार्डों में एंटी लार्वा स्प्रे तक नहीं किया गया और झुग्गी-बस्तियों में सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। परिषद केवल वीआईपी और पॉश इलाकों में ही फॉगिंग करवा रही है।
डॉक्टरों की चेतावनी : हल्के में न लें बुखार और दर्द
- डॉ. हिमांशु ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षणों को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है।
- उन्होंने बताया कि तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, थकान, लाल चकत्ते और जोड़ों का दर्द दिखे तो तुरंत जांच करवाएं।
- डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से घटते हैं, जिससे आंतरिक रक्तस्राव का खतरा रहता है।
- चिकनगुनिया के मरीजों में दर्द महीनों तक बना रह सकता है।
सावधानी ही बचाव
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
- गमले, कूलर, टंकियां, टायर आदि हर हफ्ते साफ करें।
- मच्छर दिन में काटते हैं, इसलिए पूरी बांह के कपड़े पहनें।
- आसपास की सफाई पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि गंदगी मच्छरों के प्रजनन का प्रमुख कारण है।
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