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डीसी ने कामी कलां में पराली न जलाने वाले किसानों से की मुलाकात

किसानों के सहयोग और प्रशासन के प्रयासों से आई कमी- डॉ. प्रीति यादव

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(फोटो: अशोक प्रेमी — डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव गांव कामी कलां में पराली संभाल रहे किसानों से बातचीत करती हुईं।-निस
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 डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव ने कहा है कि किसानों के सहयोग से पटियाला जिले में इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। उन्होंने घनौर के गांव कामी कलां का दौरा किया और उन किसानों से मुलाकात की जिन्होंने पराली को जलाने के बजाय खेतों में ही मिलाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया है।

किसानों की सराहना करते हुए डीसी ने कहा कि अब गेहूं की बुवाई का समय आ गया है, इसलिए पराली को खेतों में मिलाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और अगली फसल की पैदावार में भी सुधार होगा। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के सतत प्रयासों और किसानों की जागरूकता से इस बार केवल 32 मामले ही पराली जलाने के सामने आए हैं, जबकि पिछले वर्ष 2023 में 215 और 2024 में इसी दिन तक 210 मामले दर्ज किए गए थे।

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किसानों से की मुलाकात कर डीसी ने कहा-

उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन ने किसानों से सीधा संवाद स्थापित किया है और गांवों में आवश्यकतानुसार मशीनरी भी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 14 लाख टन पराली उत्पन्न होती है और अब तक लगभग 70 प्रतिशत धान की कटाई पूरी हो चुकी है। उन्हें उम्मीद है कि किसान शेष पराली को भी नहीं जलाएंगे।

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मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. जसविंदर सिंह ने बताया कि किसानों के लिए सुपर सीडर, हैप्पी सीडर और जीरो टिल ड्रिल मशीनें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, जिनसे गेहूं की बुवाई करते समय पराली स्वतः मिट्टी में मिल जाती है। इससे मिट्टी की सेहत और फसल की पैदावार दोनों में वृद्धि होती है।

डी.सी. के दौरे के दौरान ए.डी.सी. (ग्रामीण विकास) दमनजीत सिंह मान, ए.डी. अनुराग अत्री और जसनीन कौर भी मौजूद रहीं। इस मौके पर गांव हरपालपुर के किसान इकबाल सिंह, कामी कलां के कैप्टन सुरजीत सिंह, कबूलपुर के गुरदीप सिंह, गुरजंट सिंह और जतिंदर सिंह सहित अन्य किसान भी उपस्थित थे।

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