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डल्लेवाल 26 को आमरण अनशन पर बैठेंगे

खनौरी बार्डर पर किसानों का जमावड़ा
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खनौरी बार्डर पर किसानों को संबोधित करते किसान नेता। -निस
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संगरूर, 17 नवंबर (निस)

खनौरी बार्डर पर आज रविवार को किसानों का भारी जमावड़ा हुआ। इस से पहले प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव को समर्पित खनौरी बार्डर पर श्री अखंड पाठ साहिब जी का भोग डाला गया।

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इस मौके पर संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि 13 फरवरी से खनौरी, शंभू और रतनपुरा बॉर्डर पर किसानों और मजदूरों की अपनी जायज मांगें, एमएसपी का गारंटी कानून, किसान मजदूरों का कुल कर्ज मुक्ति समेत अन्य मांगों को पूरा कराने को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इस अवसर पर खनौरी मोर्चे पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की उपस्थिति में सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर से शुरू होने वाले आमरण अनशन की घोषणा की। उन्हें आशीर्वाद लेकर मजबूती से मोर्चा जीतने की कसम खाई। और पूरे पंडाल ने इस मोर्चे को मजबूत करने के लिए संगत के जयकारों के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की। डल्लेवाल ने कहा कि किसानों द्वारा यह आंदोलन सरकार द्वारा किए गए वादों को लागू करवाने के लिए किया जा रहा है क्योंकि 2014 में यह केंद्र सरकार डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी और उसके बाद, में 2018 में भी इस सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान डॉ स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट और उसके बाद के फॉर्मूले के अनुसार फसलों के दाम देने का वादा किया था। इस सरकार ने किसानों की मांगें लिखित तौर पर मान ली थीं, लेकिन केंद्र सरकार अपने वादों से मुकर रही है और अपनी मानी गई मांगों को लागू करने की बजाय किसानों की जमीनें छीनकर कॉरपोरेट घरानों को देने की साजिश रच रही है।

नेताओं ने कहा कि आंदोलन को और तेज करते हुए 26 नवंबर से वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल सरकार द्वारा किए गए वादों और सरकार द्वारा लिखित में मानी गई मांगों को लागू करने के लिए आमरण अनशन पर बैठेंगे और अगर इस दौरान जगजीत सिंह डल्लेवाल को कुछ हुआ तो उनके बाद अन्य वरिष्ठ किसान नेता भी आमरण अनशन पर बैठेंगे और यह आमरण अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार नहीं मान लेती।

नेताओं ने किसानों और मजदूर वीरों से अपील करते हुए कहा कि जायज मांगों को लागू कराने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की

ताकत बनने के लिए बड़ी संख्या में योद्धाओं को खनौरी बार्डर, मोर्चे पर पहुंचना चाहिए।

इस मौके पर बलदेव सिंह सिरसा, सुरजीत सिंह फूल, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, लखविंदर सिंह औलख हरियाणा, राज सिंह थेड़ी, सुच्चा सिंह लाधू, मंगल सिंह संधू, बचित्र सिंह कोटला, सुरजीत सिंह सिधूपुर, तेजवीर सिंह, जंगवीर सिंह परमजीत सिंह आदि किसान नेताओं ने भी संबोधन किया।

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