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भूमि अधिकारों के लिए उबाल: रायधराना में दलित समुदाय की भूख हड़ताल

संगरूर जिले के गाँव रायधराना में सोमवार को दलित समुदाय ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण मगर प्रभावशाली विरोध दर्ज कराया। पूरे गांव ने चूल्हे ठंडे रखकर भूख हड़ताल की और नारेबाजी करते हुए कहा कि जब तक उनकी...

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संगरूर जिले के गाँव रायधराना में सोमवार को दलित समुदाय ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण मगर प्रभावशाली विरोध दर्ज कराया। पूरे गांव ने चूल्हे ठंडे रखकर भूख हड़ताल की और नारेबाजी करते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, यह संघर्ष जारी रहेगा।

प्रदर्शन का नेतृत्व दलित नेता सतगुर सिंह ने किया। उनकी अगुवाई में ग्रामीणों ने फैसला लिया कि अब रोजाना दो घंटे की प्रतीकात्मक भूख हड़ताल और धरना दिया जाएगा, ताकि सरकार तक उनकी आवाज़ लगातार पहुंचे।

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तीन प्रमुख मांगें रखीं

  • भूमि संघर्ष के दौरान दर्ज झूठे मामलों को रद्द किया जाए और गिरफ्तार दलित नेता को तुरंत रिहा किया जाए।
  • भूमि सीमांकन कानून को लागू किया जाए, ताकि समुदाय के अधिकार सुरक्षित रह सकें।
  • हालिया बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए मुआवज़ा तुरंत जारी किया जाए।

जेल के भीतर से भी मिला समर्थन

भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति के क्षेत्रीय नेता गुरदास सिंह जलूर ने बताया कि समिति के वित्त सचिव बिक्कर सिंह हथोआ, जो पिछले चार महीनों से मुक्तसर जेल में बंद हैं, ने भी जेल के भीतर एक दिवसीय भूख हड़ताल करके इस आह्वान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दलित समुदाय के साथ किया जा रहा भेदभाव अब असहनीय हो चुका है।

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गुरदास सिंह ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो यह विरोध एक राज्यव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि रायधराना की यह हड़ताल आने वाले दिनों में पंजाब के अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बनेगी।

इस मौके पर वरखा सिंह, काला सिंह और अन्य ग्रामीण भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल रोटी का नहीं, बल्कि सम्मान और न्याय का है।

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