संगरूर, 10 जुलाई (निस) पटियाला की एक अदालत ने एक मामले में नगर निगम कार्यालय और कार्यालय में कमिश्नर की कार और अन्य सामान को कुर्क कर लिया है। अदालत ने नगर निगम के एक मृतक कर्मचारी को अदालती आदेश पर बकाया राशि का भुगतान न करने पर सख्त कार्रवाई की है। इस मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होनी है। एडवोकेट पुनीत शर्मा ने बताया कि वरिंदर जीत सिंह वर्ष 2000 में नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर भर्ती हुए थे। एक साल बाद 2001 में एक मामले में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। वरिंदर जीत ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने 2017 में उनके पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने 40 प्रतिशत भत्ते ब्याज सहित देने के आदेश दिए। नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन अदालत ने निगम की अपील खारिज कर दी। जिसके बाद नगर निगम ने वरिंदर जीत को उनकी नौकरी में बहाल कर दिया।
अदालत के आदेश के अनुसार, 40 प्रतिशत भत्ते दिए गए लेकिन पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया। जिसके चलते वरिंदर जीत चतुर्थ श्रेणी के पद पर भर्ती हुए और 2018 में इसी पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 2021 में वरिंदरजीत सिंह की मृत्यु हो गई। वरिंदर जीत के दत्तक पुत्र समनजोत सिंह ने अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया। जिस पर अदालत ने लगभग 3 लाख 85 हजार रुपये के पदोन्नति लाभ का समय पर भुगतान न करने पर निगम कमिश्नर की सरकारी गाड़ी, कार्यालय और सामान को कुर्क कर लिया है।
एडवोकेट पुनीत शर्मा ने बताया कि अदालत ने वरिंदर जीत को बकाया भुगतान न करने पर सख्त आदेश दिए हैं। उन्हें अगली तारीख तक भुगतान करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही अदालत ने नगर निगम कार्यालय, नगर आयुक्त की कार पीबी 11 सीएल 7008, 20 पंखे, 30 कुर्सियां, चार कूलर, तीन एसी, 10 अलमारियां, पांच मेज, चार कंप्यूटर, तीन प्रिंटर आदि सामान को कुर्क कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई तय की गई है, यदि इस तिथि तक भुगतान नहीं किया गया तो नगर निगम की संपत्ति को लेकर भी अदालत द्वारा कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।