पंजाब सरकार ने मध्य प्रदेश में कथित तौर पर मिलावटी दवा के सेवन से 14 बच्चों की मौत के मद्देनजर कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। पंजाब सरकार के खाद्य एवं औषध प्रशासन (एफडीए) ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है, ‘कार्यालय के संज्ञान में आया है कि सरकारी विश्लेषक, औषध परीक्षण प्रयोगशाला और एफडीए, मध्य प्रदेश द्वारा कोल्ड्रिफ सिरप को मानक गुणवत्ता का घोषित नहीं किया गया है। दवा का बैच नंबर एसआर-13 है, जिसका निर्माण श्रीसन फार्मास्युटिकल बैंगलोर हाईवे, सुंगुवरचत्रम (मथुरा) और कांचीपुरम द्वारा किया गया है। इस दवा के निर्माण में मिलावट पाई गई है, क्योंकि इसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल 46.28 प्रतिशत मिला है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे जनहित में तत्काल प्रभाव से पंजाब राज्य में बिक्री, वितरण और उपयोग के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाता है।' आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी खुदरा विक्रेता, वितरक, पंजाब में पंजीकृत चिकित्सक, अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा संस्थान इस कफ सिरप का की खरीद, बिक्री या उपयोग नहीं करेंगे। आदेश में कहा गया है कि अगर राज्य में दवा का कोई भंडार उपलब्ध है, तो इसकी जानकारी एफडीए (औषध शाखा) को दें।सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच का अनुरोधनयी दिल्ली (एजेंसी) : मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करके इसकी सीबीआई जांच और औषधि सुरक्षा तंत्र में प्रणालीगत सुधार का अनुरोध किया गया है। अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में इन घटनाओं की अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध किया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति के गठन का आग्रह भी किया गया है।