मुख्यमंत्री आवास के सामने बेरोजगार युवाओं और पुलिस के बीच झड़प, कई हिरासत में
Clash between unemployed youth and police in front of Chief Minister's residence, many detained
संगरूर, 2 मार्च (निस) : रोजगार की मांग को लेकर संगरूर में रविवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे बेरोजगारों और पुलिस के बीच झड़पें हो गई। इस संघर्ष के दौरान युवा पुलिस से भिड़ गये और पुलिस ने दर्जनों को हिरासत में ले लिया। हालांकि कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
सीएम आवास का घेराव करने जा रहे थे
पंजाब के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में संगरूर पहुंचे बेरोजगार साझा मोर्चा के नेतृत्व में सबसे पहले मिल्क प्लांट के पास एकत्र हुए। इसके बाद वे विरोध मार्च निकालते हुए ड्रीमलैंड कॉलोनी स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए आगे बढ़े। लेकिन पहले से भारी संख्या में तैनात पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकना चाहा, जिसके कारण पुलिस और बेरोजगारों के बीच झड़पें हो गई।
इस मौके पर संबोधित करते हुए नेता बेरुजगर सिंह ढिल्लवां, जसवंत घुबाया, रमन कुमार मलोट और हरजिंदर सिंह झुनीर ने कहा कि शिक्षा विभाग में भर्ती कैलेंडर लागू करने का वादा करके सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार अपने शासन के पिछले तीन वर्षों में प्री-प्राइमरी से लेकर ईटीटी, मास्टर कैडर, लेक्चरर, सहायक प्रोफेसर और प्रोफेसर स्तर तक शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में गुणवत्ता में सुधार करने का वादा करके सत्ता में आई थी।
एक भी नई भर्ती जारी नहीं की है बल्कि पिछली सरकार की चल रही भर्तियों को रद्द कर दिया है, जिनमें लेक्चरर 343 और 646 पीटीआई शिक्षकों के पद उल्लेखनीय हैं।
आयुसीमा में छूट की मांग
उन्होंने कहा कि मास्टर कैडर के सभी पदों पर आयु सीमा में छूट के साथ भर्ती करने, मास्टर कैडर में लगाई गई 55 प्रतिशत अनिवार्य अंक की बेतुकी शर्त को रद्द करने, लेक्चरर के रद्द किए गए 343 पदों में अन्य सभी विषयों के पदों को जोड़ने और आयु में छूट के साथ विज्ञापन जारी करने, 250 आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित पेपर आयोजित करने और मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर के 270 पदों के लिए आयु में छूट के साथ विज्ञापन जारी करने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की कैबिनेट सब-कमेटी, शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रियों ने दर्जनों बैठकों के बावजूद अपने वादे पूरे नहीं किए हैं और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज तक बेरोजगारों के साथ एक भी पैनल बैठक नहीं की है। जबकि चुनाव के मौके पर उन्होंने बड़े-बड़े नारे दिये थे।

