पुलिस - प्रदर्शनकारियों में झड़प, कई जख्मी
संगरूर में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर एवं लाइब्रेरियन फ्रंट के प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां उनकी पुलिस से झड़प हुई और कई प्रदर्शनकारियों को मामूली चोटें आईं। पुलिस ने 16 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पंजाब के सभी सरकारी कॉलेजों से 1158 भर्ती के तहत कार्यरत प्रोफेसर और लाइब्रेरियन सामूहिक अवकाश लेकर इस विरोध प्रदर्शन में पहुंचे थे। विरोध प्रदर्शन के तहत, फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने वेरका प्लांट से पैदल मार्च निकाला और मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना दिया। इस अवसर पर डॉ. परमजीत सिंह ने कहा कि फ्रंट की मांगें हैं कि सरकार भर्ती को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा और क्यूरेटिव याचिका दायर करे, मुख्यमंत्री के साथ पैनल मीटिंग हो, साथ ही मुख्यमंत्री एक सार्वजनिक बयान जारी कर यह आश्वासन दें कि 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन का रोज़गार सुरक्षित रहेगा। डॉ. मोहम्मद सोहेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों और लाइब्रेरियन की भर्ती रद्द करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फैसला न केवल इस भर्ती के उम्मीदवारों या उनके परिवारों के खिलाफ है, बल्कि पंजाब की उच्च शिक्षा और छात्रों के भविष्य के भी खिलाफ है।
प्रितपाल ने कहा कि भर्ती विज्ञापन जारी करने से लेकर उम्मीदवारों की नियुक्ति तक हर पड़ाव संघर्ष से पार किया गया है। हम पुलिस थानों, पर्चों, लाठीचार्ज, जेलों आदि से गुज़रे हैं। पूरा मोर्चा संघर्ष का रास्ता अपनाने से नहीं डरेगा। जसविंदर कौर ने कहा कि पिछले कई वर्षों से कॉलेजों में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी की लड़ाई की दिशा गलत रही है। उन्हें स्थायी रोज़गार के लिए अपनी लड़ाई सरकार की ओर मोड़नी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने नियमित भर्ती के खिलाफ रुख अपनाया है। शाम को प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को 18 सितंबर को कैबिनेट सब-कमेटी के साथ बैठक करने का पत्र दिया और प्रदर्शनकारियों ने धरना समाप्त कर दिया। उधर कुछ देर बाद हिरासत में लिए प्रदर्शन करने वालों को रिहा दिया।