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भाखड़ा डैम पर केंद्र की ‘सुरक्षा मुहर’, पंजाब ने फिर जताया विरोध

देश के सबसे महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं में शामिल भाखड़ा डैम को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच टकराव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। भले ही, पंजाब विधानसभा ने भाखड़ा परियोजना पर सीआईएसएफ की तैनाती के खिलाफ...
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भाखड़ा बांध की फाइल फोटो।
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देश के सबसे महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं में शामिल भाखड़ा डैम को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच टकराव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। भले ही, पंजाब विधानसभा ने भाखड़ा परियोजना पर सीआईएसएफ की तैनाती के खिलाफ विशेष प्रस्ताव पारित किया हो, लेकिन केंद्र सरकार ने डैम की सुरक्षा को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपने की कवायद तेज कर दी है।

यही नहीं, 11 और 12 अगस्त को सीआईएसएफ के आईजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय टीम नंगल का दौरा करेगी। डैम परिसर में जवानों के लिए आवास तैयार किए जा चुके हैं। दौरे के दौरान सुरक्षा तैनाती से पहले आवश्यक लॉजिस्टिक व व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा। गौरतलब है कि भाखड़ा-नंगल परियोजना में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान भागीदार राज्य हैं। इसका 60 प्रतिशत खर्च अकेले पंजाब वहन करता है। जबकि शेष खर्च अन्य तीन राज्यों द्वारा उठाया जाता है। यह डैम सिर्फ बिजली उत्पादन ही नहीं, बल्कि कृषि सिंचाई और पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत भी है। मई में हरियाणा के साथ जल विवाद के दौरान पंजाब ने आक्रामक रुख अपनाया था। बीबीएमबी के चेयरमैन को डैम परिसर में प्रवेश तक नहीं करने दिया गया। इसके बाद ही बीबीएमबी की सिफारिश पर केंद्र ने सुरक्षा जिम्मा सीआईएसएफ को देने का निर्णय लिया था।

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हालांकि, पंजाब सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसका विरोध किया, लेकिन केंद्र ने इसे दरकिनार कर 25 जुलाई को बीबीएमबी द्वारा 8.5 करोड़ रुपये जमा करवाने के बाद तैनाती प्रक्रिया शुरू कर दी। यहां बताते चलें कि इस निर्णय की जड़ें 2021 में कांग्रेस शासनकाल तक जाती हैं। उस समय सीआईएसएफ की तैनाती को मंजूरी मिली थी, लेकिन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया गया। अब मौजूदा सरकार के विरोध के बावजूद केंद्र ने प्रक्रिया को पुनः जीवित कर दिया है।

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