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निलंबित एडीसी चारुमिता समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज

नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के लिए फैक्ट फाइंडिंग और पुराने रिकॉर्ड की जांच में कथित लापरवाही के आरोप में विजिलेंस ने निलंबित एडीसी चारुमिता समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज किया है। विजिलेंस ब्यूरो ने धर्मकोट की तत्कालीन एसडीएम और मोगा...
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नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के लिए फैक्ट फाइंडिंग और पुराने रिकॉर्ड की जांच में कथित लापरवाही के आरोप में विजिलेंस ने निलंबित एडीसी चारुमिता समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज किया है। विजिलेंस ब्यूरो ने धर्मकोट की तत्कालीन एसडीएम और मोगा की निलंबित एडीसी चारुमिता, पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के रिटायर्ड एग्जीक्यूटिव इंजीनियर वीके कपूर और धर्मकोट के तत्कालीन तहसीलदार (सर्कुलर रेवेन्यू ऑफिसर) मनिंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। एसएसपी विजिलेंस (फिरोजपुर) मनजीत सिंह ने इन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है। डॉ. चारुमिता को जालंधर-मोगा-बरनाला नेशनल हाईवे-71 के लिए जमीन अधिग्रहण प्रोजेक्ट में ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किया गया है। उनके खिलाफ पहले भी चार्जशीट दायर की गई थी। जानकारी के मुताबिक, जसविंदर सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट अपील की है कि वह 1986 से बहादुरवाला गांव में करीब 2 कनाल 19 मरला जमीन का मालिक है। उसकी जमीन 11 साल पहले नेशनल हाईवे-71 प्रोजेक्ट के तहत एक्वायर की गई थी, लेकिन उसे मुआवजा नहीं दिया जा रहा था। रेवेन्यू अधिकारी दावा कर रहे हैं कि नियमों के मुताबिक, इस जमीन का सिर्फ कंसेंट अवॉर्ड पास हुआ था और मुआवजे की पूरी रकम सरकारी खजाने में पड़ी है।पीडब्ल्यूडी के इस जमीन पर मालिकाना हक जताने और जसविंदर सिंह के मुआवजा पाने के लिए हाईकोर्ट में रिट फाइल करने के बाद रेवेन्यू डिपार्टमेंट मुश्किल में फंस गया। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के पास साल 1963 में पीडब्ल्यूडी द्वारा जमीन एक्वायर करने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस बारे में पुराने खोए रिकॉर्ड के लिए इसी साल 19 सितंबर को कैंट फिरोजपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के कई अधिकारी इस रिकॉर्ड को ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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