चंडीगढ., 18 सितंबर (एजेंसी)
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने शनिवार को विधायक दल की बैठक से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा। अमरेंद्र ने कहा कि कुछ महीनों में 3 बार विधायकों की बैठक बुलाने के बाद उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया। इस्तीफा देने के बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने साथियों और समर्थकों के साथ बातचीत करने के बाद भविष्य के कदम एवं विकल्प पर फैसला करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फिलहाल वह कांग्रेस में हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अलाकमान जिसे चाहे, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है। उन्होंने कहा, ‘मेरा फैसला आज सुबह हो गया था। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और उनसे कह दिया था कि इस्तीफा दे रहा हूं।’ उनके अनुसार, ‘यह तीसरी बार हो रहा है। पहले विधायकों को बुलाया, दूसरी बार बुलाया और तीसरी बार बैठक कर रहे हैं। मैं अपमानित महसूस करता हूं। मेरे ऊपर अगर संदेह है तो ऐसे में मैने फैसला किया कि मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया जाए।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को जिस पर भरोसा हो, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है। यह पूछे जाने पर कि उनकी भविष्य की रणनीति क्या होगी तो अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘मेरी 52 साल की राजनीति में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनके साथ बातचीत करने के बाद इस बारे में फैसला करूंगा।’ इस सवाल पर कि क्या वह नये मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे तो उन्होंने कहा कि अपने साथियों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां तक मेरी भविष्य की राजनीति का सवाल है तो हमेशा एक विकल्प रहता है, समय आने पर उस विकल्प को देखूंगा। मैं अपने साथियों से बात करके कोई फैसला करूंगा।
इससे पहले, कांग्रेस ऑब्जर्वर्स हरीश चौधरी और अजय माकन के यहां पहुंचने से से पहले पंजाब कांग्रेस में काफी हलचल देखने को मिली। कांग्रेस हाईकमान की ओर से शनिवार शाम को बुलाई गई विधायक दल की बैठक के बाद ही कैप्टन के इस्तीफे की चर्चाएं हो रही थीं। कांग्रेस पर्यवेक्षकों के चंडीगढ. पहुंचे से पहले ही पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई थी। इससे पहले, अमरेंद्र सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की और बार-बार हो रहे ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी एवं नाखुशी जताई।