चंडीगढ़, 10 जनवरी (एजेंसी)
पंजाब पुलिस ने पठानकोट के कैंट इलाके में सेना की छावनी के द्वार के बाहर हुए ग्रेनेड विस्फोट के मामले को सुलझाने का दावा करते हुए बताया कि उसने छह लोगों को गिरफ्तार कर इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) समर्थित बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। पुलिस महानिदेशक वीके भावरा ने बताया कि शहीद भगत सिंह नगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से छह हथगोले, 9 एमएम का एक पिस्तौल, .30 बोर का एक राइफल, पांच गोलियां और मैगजीन बरामद की है। पठानकोट कैंट इलाके के त्रिवेणी गेट पर नवंबर में हुए विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था। आईएसवाईएफ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई समर्थित संगठन है। डीजीपी कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, गुरदासपुर जिले के अलग-अलग गांवों से छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लखनपाल गांव निवासी अमनदीप उर्फ मंत्री, खराल गांव निवासी गुरविंदर सिंह उर्फ गिंडी, खराल गांव निवासी परमिंदर कुमार उर्फ रोहित उर्फ रोहटा, गुन्नुपुर गांव निवासी राजिन्दर सिंह उर्फ मलही उर्फ निक्कू, गोटपोकर गांव निवासी हरप्रीत सिंह उर्फ ढोलकी और गाजीकोट निवासी रमण कुमार के रूप में हुई है। बयान के अनुसार, ‘दो अलग-अलग घटनाओं में कुछ अज्ञात लोगों ने पठानकोट में गोले फेंके…पहला गोला पठानकोट में सेना की छावनी के त्रिवेणी द्वार के बाहर 21 नवंबर की रात करीब नौ बजे फेंका गया, जबकि दूसरा गोला 11 नवंबर को रात करीब 9:30 बजे चक्की पुल के पास फेंका गया।’
पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘प्रारंभिक पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि आतंकवादी हमलों की योजना बनाने के लिए वे लोग आईएसवाईएफ (रोडे) के स्वयंभू प्रमुख लखबीर सिंह रोडे और उसके करीबी सहयोगियों के साथ सीधे संपर्क में थे।
सहयोगियों की पहचान सुखमीतपाल सिंह उर्फ सुख भिखारीवाल और सुखप्रीत उर्फ सुख के रूप में हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘बरामद सभी हथगोले, हथियार और अन्य सामग्री सीमापार से लखबीर रोडे ने भेजा था और गिरफ्तार आरोपियों को पहले से तय निशानों, पुलिस थानों, सैन्य प्रतिष्ठानों और धार्मिक स्थलों आदि, पर हमले करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।’ आरोपियों ने पठोनकोट में दोनों हथगोले फेंकना स्वीकार किया है। फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद सुखमीतपाल सिंह उर्फ सुख भिखारीवाल भी बलविंदर सिंह की हत्या और 10 फरवरी, 2020 को एक हिन्दू संगठन के नेता हनी महाजन पर हुए जानलेवा हमले में शामिल था।