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पंजाब में फिर से शुरू होगी बैलों की दौड़ : मान

पंजाब में कानूनी बंधनों के कारण लुप्त हो रही विरासती ग्रामीण खेलों को पुन: जीवित करने का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज जिला के महिमासिंह वाला गांव‌ में कहा कि राज्य सरकार विरासती खेलों को प्रफुल्लित...
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भगवंत सिंह मान। -फाइल फोटो
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पंजाब में कानूनी बंधनों के कारण लुप्त हो रही विरासती ग्रामीण खेलों को पुन: जीवित करने का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज जिला के महिमासिंह वाला गांव‌ में कहा कि राज्य सरकार विरासती खेलों को प्रफुल्लित करने के लिए सभी कानूनी बाधाएं हटाएगी । उन्होंने कहा इससे हमारे महान खेल विरासत की प्राचीन शान बहाल होगी। राज्य में बैल दौड़ को फिर से शुरू करने के लिए पंजाब विधानसभा में कानून पास करने के लिए आज यहां बड़ी संख्या में विरासती खेल प्रेमियों द्वारा मुख्यमंत्री का सम्मान किया गया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बैलगाड़ी दौड़ केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि ये दौड़ें हमारे ग्रामीण विरासत की व्याख्या करती हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही पंजाब में बैलगाड़ी दौड़ आयोजित की जाती रही हैं और ये हमें हमारी संस्कृति और विरासत से जोड़े रखती हैं। मान ने कहा कि प्रथम पातशाह श्री गुरु नानक देव जी ने करतारपुर साहिब में लंबे समय तक बैलों के साथ खेती की थी। उन्होंने कहा कि बैल दौड़ पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून लागू होने से जहां विरासती खेल प्रेमियों को बड़ा झटका लगा था, वहीं हमारी पारंपरिक खेल विरासत को भी ठेस पहुंची थी।

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