पंजाब में आशियाना बनाना महंगा, ईंटों के दाम नयी ऊंचाई पर
पंजाब में पिछले कुछ महीनों में ईंटों की कीमत में तेजी से वृद्धि हुई है, जबकि अधिकांश ईंट भट्ठा मालिक लंबे मानसून और उच्च लागत के कारण नुकसान का सामना कर रहे हैं।
ट्रिब्यून द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार, 1000 ईंटों का दाम पहले 7000 रुपये था, जो अब बढ़कर 8000 हो गया है। राज्य में 2500 से अधिक ईंट भट्ठा मालिकों को अनियमित मानसून और कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण भारी नुकसान हुआ है। इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने ईंटों के दाम बढ़ा दिये हैं। इनके और बढ़ने की संभावना भी है।
अमृतसर और भिखीविंड में तीन ईंट भट्ठों के मालिक पंकज चोपड़ा ने कहा, ‘राज्य में 2027 में चुनाव होने हैं, सरकार द्वारा अधिक विकास अनुदान जारी किए जाने की संभावना है, जिसका अर्थ है अधिक निर्माण कार्य। इसलिए, अब दाम कम नहीं होंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि सर्दियाें के मौसम की बाधाओं के कारण निर्माण रोकना पड़ेगा। आगामी 15 दिसंबर से मार्च के पहले सप्ताह तक कोई उत्पादन नहीं होगा। ऐसे में गुजारा करने के लिए कीमतों को ऊंचा रखना ही एकमात्र विकल्प है।
ईंट भट्टा मालिकों के अनुसार, न्यूनतम वायु प्रदूषण सुनिश्चित करने के लिए नयी तकनीकें अपनाने के कारण भी लागत बढ़ी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने जून 2025 में वायु प्रदूषण नियंत्रण रणनीति के तहत पंजाब और हरियाणा के गैर-एनसीआर जिलों में स्थित ईंट भट्ठों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट्स के उपयोग को अनिवार्य कर
दिया था।
ईंट भट्ठा संघ के सदस्यों ने कहा कि पारंपरिक ईंट भट्ठों में पेलेट्स के उपयोग में तकनीकी बाधाओं के बावजूद, मालिक नये तरीके अपना रहे हैं। उनका कहना है, ‘यह बदलाव लागत बढ़ाता है और कोयले, रेत की कीमतें भी बढ़ी हुई हैं, जिससे 8000 के रेट पर भी बहुत कम मुनाफा हो
रहा है।’
