फिरोजपुर में इंसान और पशु दोनों संकट में
सीमावर्ती जिले फिरोजपुर के गांवों में बाढ़ ने कहर बरपा दिया है। सैकड़ों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं, वहीं बेजुबान पशु भी पानी में फंसे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई जगहों पर पशुओं को एक साथ बांधकर रखा गया है, लेकिन उनके लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई। भूखे-प्यासे पशु लगातार संकट झेल रहे हैं और ग्रामीण प्रशासन से तुरंत मदद की गुहार लगा रहे हैं।
गांव गति राजके में हालात सबसे गंभीर हैं। प्रशासन और समाजसेवी संस्थाएं राहत पहुंचाने का दावा कर रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कई परिवार और पशु अब भी बाढ़ के पानी से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि पशुओं के चारे और पीने के पानी की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए, ताकि उनकी जान बचाई जा सके। एक कॉल पर जुटाए सवा करोड़
बाढ़ त्रासदी के बीच इंसानियत की मिसाल भी सामने आई। 13-13 सोसाइटी के बाबा दीप सिंह सेवा दल ने बाबा नानक के “किरत करो, वंड छको” के संदेश को जीते हुए एक ही रात में 1 करोड़ 35 लाख रुपए जुटा लिए। सोसाइटी से जुड़े बलजीत सिंह गिल भोगपुर ने बताया कि जैसे ही बाढ़ राहत के लिए उनसे सहयोग मांगा गया, उन्होंने आधी रात से सुबह तक रिश्तेदारों और दोस्तों को फोन कर मदद जुटाई। सिर्फ आठ घंटों में ही 1 करोड़ 35 लाख रुपए की राशि इकट्ठा हो गई। सेवा दल अब इस धनराशि से बाढ़ प्रभावितों को राशन, नावें और अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध करा रहा है। गिल ब्रदर्स खुद राहत कार्य में सक्रिय हैं और लगातार प्रभावित गांवों तक सहायता पहुंचा रहे हैं।