राजीव तनेजा/निस
मोहाली, 25 फरवरी
ड्रग्स मामले में फंसे शिरोमणि अकाली दल के महासचिव व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की नियमित जमानत जिला अदालत ने खारिज कर दी। शुक्रवार को मोहाली की जिला अदालत में बचाव पक्ष और सरकारी पक्ष की ओर से मजीठिया की नियमित जमानत को लेकर करीब तीन घंटे तक बहस चली। बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि ये मामला राजनीति से प्रेरित है, पूरे मामले में मजीठिया को जानबूझ कर फंसाया जा रहा है। मजीठिया से एसआईटी पूछताछ करना चाहती थी इसके लिए कोर्ट की ओर से डेढ़ घंटे के लिए पूछताछ का समय भी दिया गया था। एसआईटी ने पूछताछ की और इस केस में कुछ नहीं निकला। इसलिए मजीठिया को मामले में नियमित जमानत मिलनी चाहिए। वहीं अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि धारा 37 यह कहती है कि जिस आरोपित को धारा 27 ए एनडीपीएस एक्ट में नामजद किया गया है, उसे जांच के दौरान छोड़ा नहीं जा सकता। अदालत ने अपने निर्देशों में यह बताया कि बिक्रम सिंह मजीठिया एक पावरफुल लीडर है। अगर जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो यह जांच को प्रभावित कर सकता है। मजीठिया के वकील की ओर से बहस दौरान जो तर्क दिए गए हैं उनको केस के ट्रॉयल दौरान देखा जाएगा। ध्यान रहे कि मजीठिया को 6000 करोड़ के ड्रग्स मामले में आठ मार्च तक के लिए जेल भेज दिया गया है। ध्यान रहे कि मजीठिया के खिलाफ बीती 20 दिसंबर को ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने मोहाली स्टेट क्राइम पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था।