ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

पंजाब की विरासत और परंपरा को आगे बढ़ाने में भाई वीर सिंह का विशेष योगदान : डॉ. जगदीप सिंह

डॉ. परमवीर सिंह ने डॉ. कुलविंदर सिंह की मदद से तैयार की पुस्तक
पटियाला में मंगलवार को पंजाबी विश्वविद्यालय में उपकुलपति डॉ. जगदीप सिंह को पुस्तक भेंट करते डॉ. परमवीर सिंह व अन्य। -निस
Advertisement
संगरूर, 10 जून (निस)पंजाबी विश्वविद्यालय ने भाई वीर सिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया। इस अवसर पर डॉ. परमवीर सिंह ने उपकुलपति डॉ. जगदीप सिंह को 'भाई वीर सिंह जी: अप्रकाशित पत्र' नामक पुस्तक भेंट की। यह पुस्तक डॉ. परमवीर सिंह ने डॉ. कुलविंदर सिंह की मदद से तैयार की है।

इस अवसर पर उपकुलपति डॉ. जगदीप सिंह ने कहा कि पंजाब की विरासत और परंपरा को मजबूती से आगे बढ़ाने में भाई वीर सिंह जी का विशेष योगदान है। उन्होंने कहा कि पंजाबी विश्वविद्यालय को गर्व है कि विश्वविद्यालय द्वारा भाई वीर सिंह पर कई शोध कार्य किए गए और प्रकाशित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाई वीर सिंह पंजाबी और सिख जगत की महान शख्सियत थे। डॉ. परमवीर सिंह ने इस चर्चा के दौरान बताया कि भाई वीर सिंह दीवान कौरा मल से संबंधित हैं।

Advertisement

उनके नाना ज्ञानी हजारा सिंह और पिता डॉ. चरण सिंह ने भी सिख अध्ययन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया था। भाई वीर सिंह ने अपने पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए महान कार्य किए हैं, जिसमें 'गुरु नानक चमत्कार', 'अष्ट गुरु चमत्कार', 'श्री गुरु कलगीधर चमत्कार' आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भाई वीर सिंह ने सिख धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों का संपादन भी किया था, जिसमें सिखों की भगत माला, प्राचीन पंथ प्रकाश, पुरातन जन्म साखी आदि शामिल हैं।

उन्होंने दस साल की कड़ी मेहनत से श्री गुरु प्रताप सूरज ग्रंथ का संपादन कार्य भी पूरा किया था, जो लगभग सात हजार पृष्ठों का है। इसी तरह, उन्होंने पंजाबी कविता और उपन्यास के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस चर्चा के दौरान डॉ. सुखविंदर सिंह, डॉ. दलजीत सिंह और डॉ. संदीप कौर मौजूद थे।

 

 

Advertisement