चंडीगढ़, 16 मार्च (एजेंसी)
हास्य कलाकार से लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री पद तक का सफर भगवंत मान ने महज एक दशक लंबे अपने राजनीतिक करियर में पूरा किया है। राज्य में मान किस तरह से शासन चलाते हैं, इसका प्रभाव आने वाले दिनों में राष्ट्रीय फलक पर पार्टी के अपना जनाधार बनाने की कोशिशों पर भी देखने को मिलेगा। मान (48) इस बार विधानसभा के लिए पहली बार निर्वाचित होने से पहले संगरूर संसदीय सीट से दो बार सांसद निर्वाचित हुए थे। उन्होंने संसद की सदस्यता से सोमवार को इस्तीफा दे दिया। पंजाब का 1966 में पुनर्गठन होने के बाद से वह राज्य का मुख्यमंत्री बनने वाले प्रथम गैर-कांग्रेस और गैर-अकाली नेता हो गये हैं। अपने शपथ ग्रहण समारोह में पंजाब के लोगों को आमंत्रित करते हुए मान ने उनसे कहा कि यह उनकी (जनता की) सरकार होगी। मान का जन्म, 1973 में संगरूर के सतोज गांव में हुआ था। उन्होंने इसी जिले में सुनाम स्थित शहीद उधम सिंह गवर्नमेंट कॉलेज में बीकॉम में दाखिला लिया था। वह पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर सकें, लेकिन कॉलेज ने उन्हें कई युवा उत्सवों में भाग लेने का अवसर दिया। बाद में उन्होंने कॉमेडी वीडियो और संगीत अलबम बनाया, जिनमें ‘जुगनू मस्त-मस्त’ और ‘कुल्फी गरमा गरम’ शामिल हैं। ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ में उनका शामिल होना, मनोरंजन करने वाले कलाकार के तौर पर उनके करियर का शिखर बिंदु था।
मान का राजनीतिक करियर 2011 में मनप्रीत सिंह बादल नीत पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ऑफ पंजाब के साथ शुरू हुआ,लेकिन बाद में पीपीपी का कांग्रेस में विलय हो गया। अगले साल मान ने पीपीपी के उम्मीदवार के तौर पर संगरूर के लहरा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता राजिंदर कौर भट्टल से शिकस्त का सामना करना पड़ा। मान 2014 में आप में शामिल हो गये और दिग्गज अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा के खिलाफ संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। मान दो लाख से अधिक मतों से जीत गये और आप ने पंजाब में चार लोकसभा सीट अपने नाम की। मान ने 2017 में जलालाबाद सीट पर शिअद के सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें शिकस्त मिली। हालांकि आप ने पंजाब विधानसभा में 20 सीटों पर जीत दर्ज की और विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई। मान को पार्टी की प्रदेश इकाई का प्रमुख बनाया गया। मान ने 2019 के लोकसभा चुनाव में संगरूर सीट पर एक लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। अपने राजनीतिक करियर के दौरान मान पर ये आरोप लगाये जाते रहे, कि उन्हें शराब की लत है। मान ने 2019 में बरनाला में एक रैली के दौरान केजरीवाल और मां की उपस्थिति में शराब छोड़ने का संकल्प लिया था।
मान का मिला था निमंत्रण, चन्नी के समय नहीं बुलाया : तिवारी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मिले निमंत्रण का उल्लेख करते हुए अपनी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ ली थी, तब उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था। मनीष तिवारी ने मान के शपथ ग्रहण समारोह का एक निमंत्रण पत्र ट्विटर पर साझा करते हुए कहा कि वह इसमें शामिल नहीं हो सके, क्योंकि संसद का सत्र चल रहा है। महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में एक सादे समारोह में भगवंत मान ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर कहा, ‘मैं भगवंत मान को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई देता हूं, मुझे उनके शपथ ग्रहण में आमंत्रित करने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। संसद सत्र होने के कारण मैं इसमें शामिल नहीं हो सका।’ मनीष तिवारी ने कहा, ‘यह विडंबना है कि मुझे चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, हालांकि वह मेरे क्षेत्र के विधायकों में से एक थे।’
पंजाब के विकास के लिए साथ काम करेंगे : मोदी
पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भगवंत मान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बधाई दी साथ ही आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार राज्य के विकास के लिए उनकी सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर भगवंत मान को बहुत बधाइयां। पंजाब के विकास और राज्य की जनता के कल्याण के लिए हम साथ मिलकर काम करेंगे।‘