चंडीगढ़, 10 जुलाई (ट्रिन्यू)
केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा इमारत के लिए जमीन देने को तैयार हो गई है वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा और हाईकोर्ट के लिए अलग जमीन मांगने के बाद पंजाब की राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की इस मांग के बाद पंजाब के सभी विपक्षी राजनीतिक दलों ने उन्हें घेर लिया है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट किया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अलग विधानसभा भवन के लिए उन्हें चंडीगढ़ में जमीन देने को मंजूरी दे दी है। इसके कुछ समय बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की तर्ज पर पंजाब को भी विधानसभा और हाईकोर्ट बनाने के लिए चंडीगढ़ में जमीन दी जाए। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि जिस जगह मौजूदा पंजाब विधानसभा और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बना है, वह बिल्डिंग पंजाब की ही है। हरियाणा को यह दोनों इमारतें चंडीगढ़ से बाहर बनानी चाहिए। बाजवा ने कहा कि लगता है भगवंत मान ने अपना ट्विटर अकाउंट दिल्ली को आउटसोर्स कर दिया है।
प्रताप सिंह बाजवा ने सीएम भगवंत मान को कहा कि वह विधानसभा और हाईकोर्ट बिल्डिंग के लिए अलग जमीन मांगकर पंजाब का चंडीगढ़ पर हक कमजोर न करें। इनकी मौजूदा बिल्डिंग ही पंजाब की हैं। इस हेरिटेज इमारत पर अपने अधिकार छोडऩे से चंडीगढ़ को पक्के तौर पर खोने का काम कर रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने कहा कि चंडीगढ़ की जमीनों और सरकारी इमारतों पर सिर्फ पंजाब का हक है। जैसे पंजाब री-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट 1966 के तहत तय किया गया है कि हरियाणा को अलग राजधानी बनाने की जरूरत है। कृपया ऐसे बयानों से चंडीगढ़ पर पंजाब का हक कमजोर न करो।
अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब को मिलना एक लिखित वचनबद्धता है। शिअद के तत्कालीन प्रधान संत हरचंद सिंह लौंगोवाल ने इसके लिए जान कुर्बान कर दी। चंडीगढ़ की एक इंच जमीन भी हरियाणा को देने का केंद्र सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है। हरियाणा को अलग विधानसभा इमारत के लिए जमीन देने के बजाय केंद्र चंडीगढ़ को पंजाब के हवाले करे।
चंडीगढ़ में नहीं बनने देंगे हरियाणा की नयी विधानसभा : जोड़ामाजरा
हरियाणा सरकार ने जहां चंडीगढ़ में विधानसभा की नई इमारत बनाने की तैयारी शुरू कर दी है वहीं पंजाब ने जंग का ऐलान कर दिया है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा ने कहा है कि हरियाणा को चंडीगढ़ में नई इमारत नहीं बनाने दी जाएगी। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर पिछले लंबे समय से अलग विधान भवन की लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य सरकार 2029 के परिसीमन का हवाला देकर अलग इमारत चाहती है। शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इस प्रस्ताव पर मोहर लगाए जाने के बाद पंजाब आक्रामक हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अलग विधानसभा और हाईकोर्ट के लिए जमीन की मांग कर रहे हैं वहीं रविवार को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा ने कहा कि हरियाणा सरकार को चंडीगढ़ में विधानसभा की इमारत नहीं बनाने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा चाहे तो पंचकूला, फरीदाबाद या कुरुक्षेत्र में विधानसभा भवन बना ले। चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का ही रहेगा। हरियाणा भी पंजाब से गया है। चंडीगढ़ पहले से पंजाब का है। विधानसभा भवन भी पंजाब का है, वह भाईचारे के तौर पर हरियाणा को दी है।