ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 3 मई
पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार भी अब हरियाणा की तर्ज पर बजट तैयार करेगी। 2019 में दूसरी बार सत्ता में आए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस बार वित्त मंत्रालय अपने पास ही रखा था। उन्होंने फरवरी-मार्च 2020 में भाजपा-जजपा गठबंधन का पहला बजट पेश करने से पहले अलग-अलग सेक्टरों के लोगों से बजट पर सुझाव लिए। बीच में कोविड की वजह से ऑनलाइन सुझाव लिए गए, लेकिन हालिया बजट से पहले भी उन्होंने आठ से अधिक प्री-बजट बैठकें की। सभी विधायकों के अलावा केंद्रीय मंत्रियों-सांसदों, विपक्ष के नेताओं, वरिष्ठ आईएएस-आईपीएस अधिकारियों, किसानों, महिलाओं, युवाओं सहित अलग-अलग वर्गों के लोगों से संवाद किया। बजट में उनके कई सुझावों को शामिल भी किया है।
इसी तर्ज पर मान सरकार भी प्री-बजट बैठकें करेगी। लोगों से सीधा संवाद भी होगा और ऑनलाइन भी उनसे सुझाव लिए जाएंगे। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब सिविल सचिवालय में एक पोर्टल लांच किया। इस पोर्टल पर पंजाब के आम लोग बजट का लेकर अपने सुझाव दे सकेंगे। सरकार की कोशिश रहेगी कि अच्छे सुझावों को बजट में शामिल किया जाए।
वित्त मंत्री खुद फील्ड में उतरकर भी बजट पर सुझाव लेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब का कोई भी नागरिक आम बजट को लेकर अपने सुझाव इस पोर्टल पर दे सकता है। पोर्टल के अलावा उनके कार्यालय में भी डाक के माध्यम से बजट पर सुझाव दिए जा सकते हैं। पंजाब का बजट कैसा हो यह जानने के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। एक टीम का नेतृत्व वे स्वयं करेंगे और दूसरी टीम का नेतृत्व वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा जाएगा। दोनों टीमें पंजाब के अलग-अलग शहरों का दौरा करके औद्योगिक संगठनों, आरडब्ल्यूए, महिला उद्यमियों समेत कई चरणों में बैठकों का आयोजन किया जाएगा। चीमा ने कहा कि इन बैठकों से मिलने वाले सुझावों के आधार पर ही पंजाब का बजट तैयार किया जाएगा।
ऑनलाइन ट्रांसफर-सीएम विंडो पर भी मंथन
हरियाणा की खट्टर सरकार ने पहले ही कार्यकाल में लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए सीएम विंडो की शुरुआत की थी। इसी दौरान शिक्षकों के तबादलों के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी बनाई गई। इसी तरह से पॉलिसी अब अधिकांश विभागों में लागू हो रही है। बताते हैं कि पंजाब सरकार सीएम विंडो की तर्ज पर सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) की यूनिट जिलावार स्थापित कर रही है। इस जगह आम लोग अपनी शिकायतें दे सकेंगे। हरियाणा की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का भी पंजाब अध्ययन कर रहा है।
पानी की योजना भी आई रास
पंजाब से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना पर भी पंजाब स्टडी कर रहा है। धान की खेती में पानी की सबसे अधिक जरूरत पड़ती है। ऐसे में किसानों को धान की बजाय दलहन व तिहलन जैसी फसलों की ओर ले जाया जा रहा है। धान की बजाय मक्का, दलहन-तिलहन आदि का उत्पादन करने वाले किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी मिलती है। पंजाब भी धान उत्पादक राज्यों में टॉप पर है। ऐसे में यहां भी हरियाणा जैसी ही योजना बनाने पर विचार चल रहा है।