चंडीगढ़, 14 जून (ट्रिन्यू)
शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने मंगलवार को अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल के अजायब घर में एक तस्वीर लगाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। दरबार साहिब के म्यूजियम में मानव बम बनकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की जान लेने वाले दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर लगाई गई है। इसके अलावा दरबार साहिब के पूर्व हैड ग्रंथी ज्ञानी भगवान सिंह की तस्वीर भी यहां लगाई गई है। एसजीपीसी ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब संगरूर लोकसभा उपचुनाव अकाली दल व कई दलों ने मिलकर जेलों में बंद सिखों की रिहाई को मुद्दा बनाकर बेअंत सिंह हत्याकांड के दूसरे दोषी बलवंत सिंह राजोआणा की बहन को चुनाव मैदान में उतारा हुआ है। प्रतिबंधित खालिस्तान सर्मथक संगठन सिख्स फॉस जस्टिस तथा अन्य गरमपंथी संगठनों ने एसजीपीसी के फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
हिंदू संगठन व आतंकवाद पीडि़त परिवार इसका विरोध कर रहे हैं। पंजाब पुलिस में तैनात दिलावर सिंह बब्बर ने 31 अगस्त 1995 को मानव बम बनकर पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को उनकी बुलेटप्रूफ कार के साथ उड़ा दिया था। इस घटना के बाद सिख गरमपंथियों ने दिलावर सिंह को शहीद का दर्जा दिया था। सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त ने 23 मार्च 2012 को दिलावर सिंह बब्बर को कौमी शहीद का दर्जा दिया था। दरबार साहिब म्यूजियम में दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर लगाने पर सहमति, पांच साल पहले वर्ष 2017 में बनी थी। उस समय पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा गठबंधन की सरकार थी। 2017 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ गई। उसके बाद दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर म्यूजियम में लगाने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
अब लंबे विवाद के बाद मंगलवार को दिलावर सिंह की तस्वीर दरबार साहिब के अजायब घर में लगा दी गई है। इस पूरे विवाद पर एसजीपीसी प्रधान एडवोकट एचएस धामी ने कहा कि दिलावर सिंह बब्बर 1995 में शहीद हुए। 2012 में अकाल तख्त पर बलवंत सिंह राजोआना को जिंदा शहीद और दिलावर सिंह बब्बर को अमर शहीद का दर्जा दिया गया। इसके दस साल बाद, अब दिलावर सिंह की तस्वीर अजायबघर में लगाई गई है। हिंदू संगठन और एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि बब्बर खालसा के आतंकी दोबारा पंजाब की अमन-शांति भंग करने की साजिश रच रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसका संज्ञान लेना चाहिए। शांडिल्य ने कहा कि आतंकियों की फोटो हरमंदिर साहब परिसर में लगाने से दरबार साहिब की पवित्रता भंग होगी।