चंडीगढ़, 26 मार्च (ट्रिन्यू) पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने विवादित संत प्यारा सिंह भनियारा की किताब पर लगी रोक हटाने से इनकार किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह किताब धार्मिक विवाद पैदा कर सकती है। पंजाब के रूपनगर जिले में एक डेरा चलाकर विशेष संप्रदाय के लोगों को जोड़ने वाले बाबा प्यारा सिंह भनियारा की विवादित किताब भव सागर अमरवाणी पिछले 11 वर्षों से हाईकोर्ट में सील कर रखी हुई है। किताब को रिलीज किए जाने की मांग को लेकर प्यारा सिंह भनियारा के परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट की फुल बेंच ने परिवार की इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि हाईकोर्ट में पहले से चल रहे जिस केस में भनियारा के परिवार ने अपनी मांग को लेकर जो अर्जी दाखिल की है, वह आपराधिक मामले का केस है। इस केस में इस अर्जी पर सुनवाई नहीं की जा सकती है। इस मांग को लेकर परिवार को अलग से याचिका दाखिल करनी होगी। इसी आदेश के साथ हाईकोर्ट ने परिवार की इस अर्जी को खारिज कर दिया है। बाबा प्यारा सिंह भनियारा की इस किताब को लेकर पंजाब में काफी विवाद हुआ था तब दो बार सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था। यह किताब हाईकोर्ट में तब से सील कर रखी हुई हुई है, इस मामले में भनियारा के खिलाफ जो केस चल रहा था उसमे अदालत ने बाबा भनियारा को बरी कर दिया था। अब परिवार ने कहा था कि बाबा प्यारा सिंह भनियारा की 30 दिसंबर, 2019 को मृत्यु हो चुकी है। अब वह चाहते हैं उनके पिता द्वारा लिखी इस पुस्तक को रिलीज किया जाए, वह इस पुस्तक से सभी विवादित और आपत्तिजनक अंश हटाने को तैयार हैं। हाईकोर्ट ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया है।