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हर जिले में बनेगी बैक्टीरियोलॉजिकल वाटर टेस्टिंग लैब

मोहाली, 29 नवंबर (निस) पंजाब में वाटर टेस्टिंग लैब्स तो कई हैं पर पानी के अंदर अलग-अलग तरह के हानिकारक बैक्टीरिया का मूल्यांकन करने के लिए सर्टिफाइड लैब पंजाब में नहीं है। पंजाब राज्य में 7 जिलों में बैक्टीरिया की...
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मोहाली, 29 नवंबर (निस)

पंजाब में वाटर टेस्टिंग लैब्स तो कई हैं पर पानी के अंदर अलग-अलग तरह के हानिकारक बैक्टीरिया का मूल्यांकन करने के लिए सर्टिफाइड लैब पंजाब में नहीं है। पंजाब राज्य में 7 जिलों में बैक्टीरिया की जांच वाली लैब्स चल रही हैं पर सर्टिफिकेशन के लिए इनके नवीनीकरण की जरूरत महसूस की जा रही है। इसके चलते हर जिले में वाटर टेस्टिंग लैब्स के अंदर बैक्टीरियोलॉजिकल सेक्शन बनाया जाएगा। जनस्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि बैक्टीरियोलॉजिकल परीक्षण यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि पीने का पानी सुरक्षित है और इसमें कोई रोगजनक बैक्टीरिया नहीं है जो बीमारियां पैदा कर सकते हैं। इसमें शहरों और गांवों पानी के विभिन्न स्रोतों जैसे नदियां, झीलें और कुएं में बैक्टीरिया की उपस्थिति का अध्ययन किया जाता है और इस डेटा का उपयोग पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए उपाय करने में किया जा सकता है।

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एक अधिकारी ने बताया कि वॉटर टेस्टिंग लैब में बैक्टीरियोलॉजिकल सेक्शन पानी की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। इसलिए केंद्र सरकार की स्कीम के तहत हर जिले में इस तरह की लैब्स लगाई जा रही हैं। मोहाली में स्थित रीजनल वॉटर टेस्टिंग लैब में बैक्टीरियोलॉजिकल सेक्शन बनाने के लिए 16 लाख रुपए खर्च किये जा रहे हैं और इसी तरह अलग अलग जिलों में यह लैब्स लगाई जाएंगी।

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