होशियारपुर, 13 जून (निस)
एशियाई खेलों में दो गोल्ड मेडल जीतने वाले ओलंपियन हरि चंद का गत रात्रि निधन हो गया। वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। हरि चंद सीआरपीएफ में लांगरी के तौर पर भर्ती हुए और अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर वह कमांडेंट सेवानिवृत्त हुए। हरि चंद पहले और आखिरी ऐसे एथलीट थे जो ओलंपिक में नंगे पांव दौड़े थे। एक अप्रैल 1953 को टांडा के गांव घोड़ेवाहा में जन्मे हरि चंद ने गांव के स्कूल में पढ़कर खेल के क्षेत्र में महान मुकाम हासिल किया।
हरि चंद ने बैंकॉक (थाईलैंड) में 1978 एशियाई खेलों में 5,000 मीटर और 10,000 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। उन्होंने सियोल (दक्षिण कोरिया) में 1975 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 10,000 मीटर में स्वर्ण पदक और 5,000 मीटर में कांस्य पदक भी जीता। उन्होंने 1976 के ओलंपिक खेलों में मॉन्ट्रियल (कनाडा) में 10,000 मीटर और मॉस्को सोवियत संघ में 1980 में मैराथन दौड़ में एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। इस बीच 1979 में उन्हें मीडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ एथलीट घोषित किया गया और उन्हें 1975 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे टांडा कॉलेज एथलेटिक सेंटर के मेंटर बने रहे। 14 जून को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार ग्राम घोड़ेवाहा में किया जाएगा। सीएम भगवंत मान ने ट्वीट कर हरि चंद के निधन पर दु:ख जताया है। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने भी धावक हरि चंद के निधन पर शोक जताया है। एएफआई अध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने शोक संदेश में कहा,‘1980 ओलंपिक में मेरे साथी रहे हरि चंद भारतीय खेलों के लीजैंड थे। मुझे और पूरे खेल जगत को उनके निधन का दुख है। यह खेलों को हुई अपूरणीय क्षति है।’