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‘एक और द्रोणाचार्य’ नाटक गुरु-शिष्य संबंधों में बदलाव पर मंथन

बठिंडा, 25 नवंबर (निस) बठिंडा में चल रहे 13वें नाट्यम राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव के ग्यारहवें दिन शंकर शेष द्वारा लिखित नाटक ‘एक और द्रोणाचार्य’ का मंचन हुआ। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से...

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बठिंडा में आयोजित 13वें नाट्यम राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के दौरान अतिथियों को सम्मानित करते आयोजक। -निस
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बठिंडा, 25 नवंबर (निस)

बठिंडा में चल रहे 13वें नाट्यम राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव के ग्यारहवें दिन शंकर शेष द्वारा लिखित नाटक ‘एक और द्रोणाचार्य’ का मंचन हुआ। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित इस महोत्सव में चंडीगढ़ के संवाद थिएटर ग्रुप ने नाटक प्रस्तुत किया।

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नाटक में पौराणिक गुरु द्रोणाचार्य को आज के गुरु के रूपक के रूप में दिखाया गया, जिसमें यह सवाल उठाया गया कि क्या आज के गुरु पौराणिक समय के गुरुओं की तरह विद्यार्थियों के उत्पीड़न को अनदेखा कर रहे हैं। नाटक दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे समाज में गुरु-शिष्य संबंधों में क्या बदलाव आया है।

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इस अवसर पर महोत्सव के मुख्य अतिथि गुरमीत सिंह धालीवाल, एम.डी. बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस बठिंडा ने नाट्यम के योगदान की सराहना की।

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