चंडीगढ़, 26 जुलाई (टि्न्यू)
वरिष्ठ अधिवक्ता अनमोल रतन सिद्धू ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पंजाब के महाधिवक्ता (एजी) के पद से इस्तीफा दे दिया है, अब विनोद घई उनकी जगह लेंगे। घई इस पद पर नियुक्त होने के बाद 10 महीने में राज्य के 5वें एजी होंगे। घई को मई 2012 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।
इससे पहले सिद्धू ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। 19 जुलाई को मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे अपने त्याग पत्र में सिद्धू ने लिखा, ‘मैं वास्तव में पार्टी का शुक्रगुजार हूं कि मुझे एडवोकेट जनरल, पंजाब के कार्यालय का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया। व्यक्तिगत कारणों से, मैं इस प्रतिष्ठित कार्यालय की सेवा नहीं कर पाऊंगा, इसलिए, मैं अपना इस्तीफा देता हूं, जिसे कृपया जल्द से जल्द स्वीकार किया जाए।’ सिद्धू ने इस्तीफा देने के सात दिन बाद मंगलवार को ट्विटर पर अपना त्यागपत्र साझा किया। सिद्धू को मार्च में महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था। पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद दीपिंदर सिंह पटवालिया के इस्तीफे के बाद यह पद खाली हो गया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद घई एक समय में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के लिए पेश हुए थे। घई डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की ओर से भी पेश हो चुके हैं। भ्रष्टाचार के एक मामले में नियमित जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला का भी उन्होंने प्रतिनिधित्व किया है।
एजी नाराज नहीं थे : मान
मैंने एजी से कहा कि यदि संभव हो तो पद पर बने रहें, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके व्यक्तिगत कारण हैं। वह नाराज नहीं थे। वह अब भी हमारी टीम का हिस्सा हैं और हम उनकी कानूनी सलाह लेना जारी रखेंगे।’
– भगवंत मान, सीएम