अर्चित वत्स
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
मुक्तसर, 28 दिसम्बर
मानसिक रूप से विक्षिप्त बताए जा रहे 20 साल के एक युवक ने सोमवार को यहां मलौट के एन्नाखेड़ा गांव के एक गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब को साथ लेकर भागने की कोशिश की। गुरुद्वारा प्रबंधन ने स्थानीय लोगों के गुरुद्वारे में इकट्ठा होने के बाद सोमवार रात को पुलिस को सूचित किया। बाबा बिधि चंद के नाम का गुरुद्वारा गांव के बाहरी इलाके में 2 कमरों में स्थित है और कुछ दिन पहले ही खोला गया था। गुरुद्वारा एसजीपीसी के नियंत्रण में नहीं है। इसमें सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं।
गुरुद्वारा ग्रंथी गुरसेवक सिंह ने आरोप लगाया कि गांव के निवासी और गुरुद्वारे के संस्थापक सदस्य के बेटे अर्शदीप सिंह सोमवार को सुबह करीब 9 बजे गुरुद्वारे आया। गुरु ग्रंथ साहिब को खुले में लाने से पहले उसने हथियारों का “अपमान” किया। ग्रंथी ने कहा, ‘मैं दूसरे कमरे में था। उसकी हरकत देखकर मैंने उसे काबू किया और गुरु ग्रंथ साहिब को सुरक्षित करने में कामयाब रहा। आरोपी के पिता ने दावा किया है कि उसका बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त है और उसने एक बार उसे मारने की कोशिश भी की थी। ग्रामीणों ने मामले की जांच की मांग की।
मलोट के डीएसपी जसपाल सिंह ढिल्लों ने कहा, “एन्नाखेड़ा गांव के एक गुरुद्वारे में कथित रूप से बेअदबी का प्रयास किया गया। घटना कथित तौर पर सुबह करीब 9 बजे हुई और हमें लगभग 12 घंटे के बाद सूचित किया गया। हमने जांच शुरू कर दी है और मानसिक रूप से विक्षिप्त बताए जा रहे युवक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पिता ने गुरुद्वारे के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”