प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ तबाही के लिए राज्य सरकार भी ज़िम्मेदार : डल्लेवाल
कागज़ों पर 250 करोड़ खर्चे, नाले और बाध मज़बूत नहीं हुए
पंजाब में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश और बीबीएमबी के कुप्रबंधन के कारण बांधों में पानी खतरे के निशान तक जमा होकर भारी मात्रा में छोड़ा गया, जिससे पंजाब के आधे से ज़्यादा ज़िलों के एक हज़ार से ज़्यादा गांव प्रभावित हुए हैं। इन बाढ़ों के कारण कई अनमोल जानें गई हैं, हज़ारों घर पानी में डूब गए हैं और लाखों एकड़ फ़सलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गई हैं। पंजाब में बाढ़ से हुई तबाही के इन हालातों के लिए पंजाब सरकार सीधे तौर पर ज़िम्मेदार है। यह विचार भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के प्रदेश अध्यक्ष एवं एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार को संगरूर जिले के लहरागागा में कहे।
उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ महीना पहले पंजाब सरकार ने विधानसभा में पंजाब के नालों की सफाई और घग्गर आदि नदियों के तटबंधों को मजबूत करने के लिए करीब 250 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया था, लेकिन इन दावों की पोल तब खुल गई जब पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल की तस्वीरें सामने आईं, जिसमें दिखाया गया कि उनके विधानसभा क्षेत्र लहरा में भी नालों की सफाई नहीं हुई।
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि लहरा विधानसभा क्षेत्र के 2 नालों की सफाई का ठेका करीब 40 लाख रुपये में दिया गया था, लेकिन अगस्त के अंत तक भी नालों की सफाई नहीं हुई, जिसके कारण नालों का पानी ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों और खेतों में घुस गया और सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए अधिक से अधिक नावों का प्रबंध करना चाहिए और बाढ़ से हुए हर तरह के जान-माल के नुकसान का तुरंत मुआवजा प्रभावित लोगों को देना चाहिए।
इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश महासचिव काका सिंह कोटड़ा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष जसवीर सिंह सिद्धूपुर, प्रदेश वित्त सचिव मान सिंह राजपुरा, रण सिंह चट्ठा जिला महासचिव संगरूर मौजूद थे।