अमृतसर, 11 जुलाई (एजेंसी)
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ पर राज्य के रुख को कमजोर करने का आरोप लगने के बाद सोमवार को कहा कि शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व ने केंद्र के साथ मिलीभगत कर निहित स्वार्थों के लिए केंद्र शासित प्रदेश पर पंजाब के दावे से समझौता किया। मुख्यमंत्री ने यहां अपनी आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हर कोई जानता है कि किसने राज्य सरकार के कार्यालयों को चंडीगढ़ से मोहाली में स्थानांतरित कर दिया और न्यू चंडीगढ़ का गठन किया।’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शनिवार को चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए एक अतिरिक्त भवन की स्थापना के लिए भूमि की घोषणा के बाद मान ने एक ट्वीट में इसी तरह के आवंटन की मांग की थी, जिस पर पंजाब के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को मान पर चंडीगढ़ के संबंध में राज्य के अधिकार का आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया था, जो पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी के रूप में कार्य करता है। वर्तमान में पंजाब और हरियाणा सरकारें विधानसभा परिसर को साझा करती हैं। मान ने आरोप लगाया कि सुखबीर बादल और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र की सरकारों के साथ साठगांठ की और उनसे यह बताने को कहा कि जब वे सत्ता में थे तो चंडीगढ़ पर अपने दावे पर चुप्पी क्यों साधे रहे। मान ने आरोप लगाया कि बादल अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए चुप रहे, यहां तक कि कांग्रेस नेतृत्व भी मूकदर्शक बना रहा। मान ने कहा कि अकाली और कांग्रेस ‘निराधार’ बयान जारी करके मीडिया के सामने ‘तमगा’ हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। मान ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में नशा तस्करों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है और उनका लक्ष्य पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां मादक पदार्थ की आपूर्ति लाइन ठप हो गई है, वहीं राज्य सरकार अब मादक पदार्थ तस्करों को सलाखों के पीछे डालने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी को भी राज्य की शांति को भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
यूटी में पदों को भरने में परंपरा का पालन हो : सीएम
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल बीएल पुरोहित से चंडीगढ़ प्रशासन में पदों को भरते समय परंपरा का पालन करने और पंजाब और हरियाणा के बीच 60:40 के अनुपात को बनाए रखने का आग्रह किया है। मान ने राज्यपाल को लिखे एक पत्र में कहा कि एजीएमयूटी कैडर के अधिकारियों को सबसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया जा रहा है, जिस पर पहले पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी होते थे। मान ने राज्यपाल से व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने का आग्रह किया ताकि चंडीगढ़ प्रशासन में प्रतिनियुक्ति पर पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारियों को ‘परंपरा का पालन करते हुए और बिना किसी भेदभाव के’ विभाग सौंपे जाएं। एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों में सेवा करते हैं। पंजाब के राज्यपाल चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं।