संगरूर, 13 मई (निस)
पटियाला की डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव ने आज पंचायती जमीनों पर अवैध कब्जों को खाली करवाने के लिए जारी किए गए कब्जे वारंटों की तामील की समीक्षा करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कब्जे वारंटों की तामील करके प्रगति रिपोर्ट भेजें। उन्होंने बताया कि जिला में करीब 454 कब्जा वारंट मामलों पर कार्रवाई की जा रही है, जिसके तहत ग्राम कमल भूमि अधिनियम 1961 की धारा 7 के तहत पंचायती जमीनों से अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि अवैध जमीनों, गलियों व तालाबों पर किए गए अवैध कब्जों को तुरंत हटाया जाए, क्योंकि पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंचायती जमीनों से कब्जे हटाने के लिए मुहिम शुरू की है। उन्होंने संबंधित बीडीपीओ से कब्जे वारंटों के निष्पादन में देरी के कारणों के बारे में भी जानकारी ली तथा इस संबंध में रिपोर्ट मांगी। इस बैठक के अवसर पर एडीसी ईशा सिंगल, मुख्यमंत्री के फील्ड अधिकारी सतीश कुमार, जिला परिषद के डिप्टी सी.ई.ओ. अमनदीप कौर, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी शिविन्द्र सिंह तथा सभी बीडीपीओ भी उपस्थित थे। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने गांवों को तरल व ठोस कचरा निपटान सुविधाओं के साथ स्वच्छ व साफ-सुथरा मॉडल गांव बनाने तथा खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए जल सप्लाई व सेनीटेशन विभाग तथा ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग द्वारा चल रहे कार्यों का भी मूल्यांकन किया। उन्होंने विभागों को पटियाला जिले के सभी गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल बनाने के लिए काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला स्वच्छता अधिकारी इंजी. रशपिन्द्र सिंह तथा आईईसी बीआरसी वीरपाल दीक्षित को निर्देश दिए कि वे सभी गांवों में चल रहे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन उनके साथ साझा करें। डॉ. प्रीति यादव ने बताया कि वर्तमान में जिले की 1022 ग्राम पंचायतों व 898 गांवों में से 86 गांव ओडीएफ प्लस व आदर्श गांव बन चुके हैं, जो पूर्णतया स्वच्छ व साफ-सुथरे गांव हैं। उन्होंने कहा कि ओडीएफ प्लस मॉडल गांवों में थापर मॉडल के अनुसार तालाब के पानी को उपचारित कर कृषि के लिए उपयोग किया जाता है, यहां हर घर में स्वच्छ शौचालय बनाए गए हैं तथा इन गांवों में तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जिले के सभी गांवों को मॉडल बनाया जा रहा है।