चंडीगढ़, 10 अक्तूबर (एजेंसी)
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को राज्य में बिजली उत्पादन के लिए कोयले का पर्याप्त भंडार नहीं रखकर ‘उपभोक्ताओं को परेशान’ करने के लिए राज्य में निजी ताप विद्युत संयंत्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सिद्धू की यह टिप्पणी कोयले की गंभीर कमी के मद्देनजर राज्य के स्वामित्व वाली पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) द्वारा बिजली उत्पादन में कटौती किये जाने और ‘लोड शेडिंग’ लागू करने के लिए मजबूर होने के एक दिन बाद आयी है। सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘पंजाब को पछताने के बजाय तैयारी करनी चाहिए..दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले और 30 दिनों के लिए कोयले का भंडार नहीं रख घरेलू उपभोक्ताओं को परेशानी में डालने वाले निजी ताप विद्युत संयंत्रों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। यह सौर पीपीए और ग्रिड से जुड़े रूफ-टॉप सोलर पर तेजी से काम करने का समय है।’ केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार, कोयला खदान से 1,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित बिजली संयंत्रों में हमेशा 30 दिनों तक का न्यूनतम कोयला भंडार होना चाहिए, लेकिन राज्य में बिजली संयंत्रों द्वारा इस स्तर का भंडार बनाए नहीं रखा जाता है। पीएसपीसीएल के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि अपर्याप्त कोयले की आपूर्ति के कारण राज्य में बिजली संयंत्र कम क्षमता पर चल रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को अपर्याप्त कोयले की आपूर्ति के लिए केंद्र पर निशाना साधा था और अगले कुछ दिनों में तेजी से घट रही कोयले की आपूर्ति के कारण राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों के बंद होने की आशंका जतायी थी। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न सहायक कंपनियों के साथ समझौतों के बावजूद पंजाब को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है और उन्होंने केंद्र सरकार से बिजली संकट से निपटने के लिए राज्य के कोयले का कोटा तुरंत सुनिश्चित करने को कहा है। पीएसपीसीएल ने शनिवार को देश में कोयले की ‘कमी’ के मद्देनजर उपभोक्ताओं से बिजली बचाने की अपील की थी।