Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

खनौरी मोर्चा का लेखा-जोखा : किसानों ने 6 लाख का दूध पीया

संगरूर, 25 जून (निस) खनौरी बार्डर पर चले आंदोलन के संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने आज किसान आंदोलन के खनौरी मोर्चा एवम संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का आर्थिक लेखा-जोखा देश के किसानों के सामने रखा। किसान नेता जगजीत...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

संगरूर, 25 जून (निस)

खनौरी बार्डर पर चले आंदोलन के संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने आज किसान आंदोलन के खनौरी मोर्चा एवम संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का आर्थिक लेखा-जोखा देश के किसानों के सामने रखा। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि समाज के सहयोग से आंदोलन चलते हैं इसलिए हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि खर्च का सारा लेखा-जोखा पारदर्शी ढंग से हम जनता के सामने रखें।

Advertisement

उन्होंने कहा कि यदि खर्च के लेखा-जोखा के विषय में किसी भी सामाजिक व्यक्ति या कोई अन्य का कोई सवाल होगा तो उसका भी स्वागत है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान खनौरी मोर्चे की स्टेज पर 13 फरवरी 2024 से 19 मार्च 2025 तक जनता से 34, 32, 567 रुपये का आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ, इसी समय के दौरान खनौरी मोर्चे पर 37, 65, 539 रुपये का खर्च आया। इसके अतिरिक्त किसान नेताओं ने बताया कि 21 फरवरी 2024 को पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टरों व गाड़ियों में तोड़फोड़ करी थी जिनकी मरम्मत करवाने में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने 8, 98, 654 रुपये खर्च किये, ट्रैक्टरों व गाड़ियों की मरम्मत के लिए समाज से 5, 50, 000 रुपये का आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों के बाद जब मोर्चे पर दूध की सेवा कम हो गयी तो संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने मीटिंग कर के सभी संगठनों की ड्यूटी लगाई कि वे दूध इकट्ठा कर के लेकर आयें, जब कई बार जरूरत से कम दूध आता था तो डेयरी से दूध मंगवाया जाता था ताकि सभी किसानों को रोजाना न्यूनतम दूध मिल सके, 401 दिनों तक चले आंदोलन के दौरान कुल मिलाकर 12, 280 लीटर दूध डेयरी से मंगवाया गया जिसमें 6, 14, 000 रुपये का खर्च आया। किसान नेताओं ने बताया कि एमएसपी गारंटी कानून की लड़ाई अभी अधूरी है, इस लड़ाई को जीत तक पहुंचाने के लिए संयुक्त किसान मोर्च (गैर-राजनीतिक) लगातार संघर्ष करता रहेगा और इसी कड़ी में 5 जुलाई को तमिलनाडु के कोयंबटूर में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शम्भू, खनौरी एवम रत्नपुरा मोर्चों पर चले आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमों के नोटिस किसानों को भेजे जा रहे हैं, यदि हरियाणा सरकार उन मुकदमों को वापस नहीं लेती है तो 6 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की बैंगलोर में आयोजित राष्ट्रीय बैठक में बड़ा कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। किसान नेताओं ने बताया कि 7 जुलाई को बैंगलोर में एमएसपी के मुद्दे पर प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के सभी वरिष्ठ नेता भाग लेंगे।

Advertisement
×