पनवां की महिला बनी ड्रोन पायलट, बदल रही गांव की किस्मत
300 रुपये प्रति एकड़ की कमाई
अब प्रभजोत अपने ड्रोन का उपयोग कर आसपास के गांवों में कृषि कार्यों में किसानों की मदद करती हैं। उनका काम सिर्फ ड्रोन उड़ाना नहीं है, बल्कि फसलों में स्प्रे और अन्य कृषि तकनीकी मदद भी शामिल है। फसल के सीजन में वह रोजाना औसतन 10 से 15 एकड़ जमीन पर काम करती हैं। उनकी मेहनत का फल भी उनके हाथ आता है। प्रभजोत को हर एकड़ के काम के एवज में 300 रुपये मिलते हैं। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ कर माहवारी आय के रूप में एक लाख रुपये तक पहुंच सकती है।
प्रेरणा का स्रोत बनी प्रभजोत
सिर्फ अपने लिए नहीं, प्रभजोत ने अपने हुनर से गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया है। अब आसपास की महिलाएं भी ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित हो रही हैं। उम्मीद फाउंडेशन के संस्थापक और पूर्व विधायक अरविंद खन्ना कहते हैं, ‘हमने इस क्षेत्र में तीन महिलाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘ड्रोन दीदी’ योजना के जरिए ये महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं और अपने परिवारों के सपनों को पूरा कर रही हैं।’
भैणां दी उम्मीद’ - महिलाओं के लिए अवसर
‘भैणां दी उम्मीद’ के माध्यम से संगरूर और आसपास के गांवों की महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं। प्रशिक्षण के साथ-साथ उपकरण और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। यह पहल न केवल रोजगार देती है बल्कि महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल भी कायम करती है। प्रभजोत कौर इस योजना के जरिए साबित कर रही हैं कि जब अवसर और साहस मिल जाए, तो कोई भी महिला अपने और दूसरों के जीवन में बदलाव ला सकती है।