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साहित्य सभा माछीवाड़ा की बैठक में चला रचनाओं का दौर

समराला के साहित्य सभा माछीवाड़ा की मासिक बैठक यहां के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सभा के प्रधान एस. नसीम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सबसे पहले शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह और अन्य महान शहीदों के जन्म दिन पर उनकी...

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समराला में मंगलवार को आयोजित साहित्य सभा माच्छीवाड़ा की बैठक में मौजूद लेखक।-निस
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समराला के साहित्य सभा माछीवाड़ा की मासिक बैठक यहां के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सभा के प्रधान एस. नसीम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सबसे पहले शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह और अन्य महान शहीदों के जन्म दिन पर उनकी शख्सियत, देश की आज़ादी के लिए दिए गए अमूल्य योगदान और उनकी साहित्यिक प्रतिभा संबंधी एस. नसीम, निरंजन सूक्षम और मलकीत सिंह ने भावपूर्ण विचार प्रकट किए।

रचनाओं के दौर की शुरुआत नछत्तर सिंह ने एक गीत सुनाकर की। इसके बाद कश्मीर सिंह ने पूरन भगत से संबंधित गीत प्रस्तुत किया, दोनों रचनाओं को खूब सराहना मिली। फिर शायर मलकीत सिंह ने अपनी ग़ज़ल 'उदों तक दिल नू धरवास हुंदा ए, जदों तक ओह मेरे पास हुंदा ए' सुनाई, जिसे काफी पसंद किया गया।

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इसके बाद शायर बलजिंदर सिंह ने ग़ज़ल 'खेल समझ के इस दिल ऊते कर न वार, शांत पई इस झील 'च इउं पत्थर न मार' पेश की, जिस पर चर्चा के साथ प्रशंसा भी हुई। इसके उपरांत रामपुर से आए गीतकार जसवीर झज्ज ने अपना गीत 'जाग मज़दूरा जाग किसाना' सुनाया, जिसे भरपूर दाद मिली।

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साहित्य सभा माछीवाड़ा में सुनाई कवियों ने रचनाएं

फिर प्रभजोत रामपुर ने अपनी कविता 'अधूरी कविता' सुनाई, जिसे खूब सराहना मिली। इसके बाद शायर अमरिंदर सोहल ने अपनी ग़ज़ल 'बची पगडंडी भी अब अपने नाम लिखवाने लगे हैं, कि दरिया धरती की हर वस्तु नाम करवाने लगे हैं' सुनाई, जिसे भी दाद मिली

फिर शायर निरंजन सूक्षम ने ग़ज़ल 'ज़िंदगी तेरा नहीं एतबार अब भी, फिर भी मिलने को पाबां भार अब भी' पेश की, जिसे बहुत सराहना मिली।

इसके बाद शायर एस. नसीम ने अपनी ग़ज़ल 'तेरी कहानी को याद करके कबूतरों को इंतजार करते हैं, तेरे ख़तों को इंतजार करते थे, तेरे ख़तों को इंतजार करते हैं' सुनाई, जिसे भरपूर दाद मिली।

पढ़ी गई सभी रचनाओं पर हुई सारगर्भित बहस में उपस्थित साहित्यकारों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस बैठक का संचालन सभा के जनरल सचिव निरंजन सूक्षम ने किया। अंत में एस. नसीम ने सभी का धन्यवाद किया।

समराला में साहित्य सभा की मासिक बैठक

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