लग्जरी लाइफ जीने की चाह में बनाया गिरोह, 2 साल में 22 करोड़ की ठगी
बरनाला, 20 जून (निस)
जिला पुलिस ने काल सेंटर के जरिये लोन दिलाने का प्रलोभन देकर लोगों को ठगने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह जानकारी एसएसपी सरफराज आलम ने दी। उन्होंने बताया कि आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर लोगों से ठगी करते थे। दरअसल पुलिस को आनलाइन पोर्टल 1930 पर शिकायत मिली थी। इस बारे में थाना साइबर क्राइम बरनाला में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने तथ्यों के आधार पर 10 जून को ढकोली, जीरकपुर के एक कॉल सेंटर पर छापा मारा गया, जहां पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान पवन कुमार निवासी मुबारकपुर, जिला एसएएस नगर, भवन मेवाड़ निवासी वैशाली, गाजियाबाद, हाल आबाद जोधपुर, अंबिका निवासी डियारमोली, जिला शिमला, जी चीना रेड्डी निवासी मेलपाडू आंध्र प्रदेश, जाडा वीरा सीवा भाग्याराज निवासी गोलापेलम, आंध्र प्रदेश और कोना चिरंजीवी निवासी येनाड, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश के तौर पर हुई है। पुलिस ने आरोपियों से 67 मोबाइल फोन, 18 एटीएम कार्ड, 17 सिम कार्ड, 1 लैपटॉप, 1 सीपीयू, और 55 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं।
आरोपियों के खिलाफ पहले भी दर्ज हैं मामले : एसपी
एसपी (एच) राजेश छिब्बर ने बताया कि पुलिस जांच में और भी अहम खुलासे होने की संभावना है। फिलहाल पुलिस गिरोह के सदस्यों, उनसे बरामद एटीएम, मोबाइल और बैंक खातों की जांच कर रही है। आरोपी अमित कुमार और भवन मेवाड़ के खिलाफ थाना जीरकपुर में और आरोपी जी चीना रेड्डी के खिलाफ आंध्र प्रदेश में पहले भी मामले दर्ज हैं।
दूसरे राज्यों में भी 5 दर्जन शिकायतें दर्ज
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह 2023 से अब तक कॉल सेंटर के माध्यम से भोले-भाले लोगों को ठग रहा है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह के खिलाफ पंजाब के अलावा आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, गोवा, कर्नाटक आदि राज्यों में करीब 60 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। गिरोह द्वारा हर महीने औसतन 1 करोड़ रुपए के करीब अलग-अलग बैंक खातों से पैसे निकलवाने की बात पुलिस की जांच में सामने आई है। गिरोह अब तक करीब 20-22 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है। एसपी (डी) अशोक शर्मा ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना अमित कुमार निवासी जीरकपुर है। फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। अमित कुमार के पास जीरकपुर में 2 फ्लैट, 1 जिम और लग्जरी गाड़ियां हैं।
हर ठगी के बाद आरोपी बदल लेते थे नंबर
आरोपियों ने जीरकपुर में कॉल सेंटर बनाया था। आरोपी लोगों को फोन कर बैंक से कम ब्याज पर लोन देने का लालच देते थे। इसके बाद वह प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठते थे। आरोपी कई जगह पर तो लोन अफसर बनाकर विजिट भी करते थे, जिससे किसी को शक न हो। जांच में सामने आया है कि ठगी के कुछ दिन के बाद आरोपी फोन नंबर बदल देते थे। गिरोह इतना शातिर था कि उसने एक ऐसा सदस्य अपने पास रखा हुआ था जोकि हर राज्य की भाषाएं बोलता था ताकि किसी को भी शक न हो तथा वह आसानी से लोगों को ठग सके। ऐसा करके उन्होंने लोगों को अपने भरोसे में लेकर ठगी की।